Abhinav Chandrachud: रणवीर अल्लाहबादिया के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दिग्गज वकील, जानिए पूरा मामला!
नई दिल्ली, यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया हाल ही में वेब शो “इंडियाज गॉट लेटेंट” में दिए गए एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप लगे हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें उनके खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है।
Abhinav Chandrachud ने दायर की याचिका
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रणवीर अल्लाहबादिया की ओर से मशहूर वकील Abhinav Chandrachud सुप्रीम कोर्ट में उनका बचाव कर रहे हैं। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि एफआईआर को खारिज किया जाए और मामले की तत्काल सुनवाई की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और अगले दो से तीन दिनों के भीतर सुनवाई करने का आश्वासन दिया है।
असम पुलिस ने भेजा समन
इस मामले में असम पुलिस ने रणवीर अल्लाहबादिया को समन भेजकर आज ही पेश होने के लिए कहा है। इसी आधार पर वकील Abhinav Chandrachud ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई।
किस धाराओं के तहत आरोप लगे?
रणवीर अल्लाहबादिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 79 समेत कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इन आरोपों में मुख्य रूप से –
✔ महिला की गरिमा का अपमान करने से संबंधित धाराएं
✔ महिला की गोपनीयता का उल्लंघन
इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है।
Abhinav Chandrachud कौन हैं?
Abhinav Chandrachud देश के जाने-माने वकील हैं और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के बेटे हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से पूरी की और फिर हार्वर्ड लॉ स्कूल और स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
उनकी प्रमुख उपलब्धियां
- हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम (LL.M.)
- स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल से डॉक्टरेट (JSD)
- ग्लोबल लॉ फर्म “गिब्सन, डन एंड क्रचर” में कार्य किया
- कई मशहूर किताबें लिखी, जैसे
- “रिपब्लिक ऑफ रेटोरिक: फ्री स्पीच एंड द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया” (2017)
- “सुप्रीम व्हिस्पर्स: कन्वर्सेशन्स विद जजेज ऑफ द सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया 1980-1989” (2018)
पिता के साथ पेशेवर रिश्ता
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Abhinav Chandrachud ने कभी भी अपने पिता डी.वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष सुप्रीम कोर्ट में किसी मामले की पैरवी नहीं की। उनके पिता ने पेशेवर नैतिकता को प्राथमिकता दी और कहा कि वह उन्हें अदालत में ज्यादा देखना चाहते थे, लेकिन वह अपने पिता के जज रहते किसी भी पेशी से बचते रहे।
क्या होगा अगला कदम?
अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। यदि अदालत रणवीर अल्लाहबादिया के पक्ष में फैसला सुनाती है, तो उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द हो सकती है। वहीं, यदि कोर्ट आरोपों को गंभीर मानती है, तो मामला और गहराता चला जाएगा।
यह मामला यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए भी एक मिसाल बन सकता है, क्योंकि यह सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम कानूनी सीमाओं की बहस को और तेज कर सकता है।