Kedarnath मंदिर तक पहुंचना अब होगा आसान! नया स्थायी पुल तैयार!
नई दिल्ली, Kedarnath यात्रा के लिए अब श्रद्धालुओं को एक नए अनुभव का सामना करने का मौका मिलेगा। इस वर्ष, यात्रियों को मंदिर तक पहुंचने के लिए एक स्थायी पैदल पुल से गुजरना होगा। यह पुल 54 मीटर लंबा है और मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित आस्था पथ से जुड़ा है, जो यात्रियों को मंदिर तक पहुंचने का एक नया, सुगम रास्ता प्रदान करेगा। आइए जानें इस नए पुल के बारे में विस्तार से।
पुल का महत्व और निर्माण
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Kedarnath मंदिर तक पहुंचने के लिए अब एक स्थायी पैदल पुल का निर्माण किया गया है, जो श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाएगा। यह पुल मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है, और इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग ने दो साल की कड़ी मेहनत से किया है। इस पुल के बनने से न केवल यात्रा का रास्ता आसान होगा, बल्कि हेलिपैड से मंदिर तक की दूरी भी कम हो गई है। पहले श्रद्धालुओं को करीब 800 मीटर का रास्ता तय करना पड़ता था, लेकिन अब यह दूरी घटकर केवल 500 मीटर रह गई है।
आस्था पथ का निर्माण
इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए न केवल नया पुल बल्कि एक नया आस्था पथ भी तैयार किया गया है। यह आस्था पथ मंदाकिनी नदी के किनारे बना है और इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और आरामदायक मार्ग प्रदान करना है। अब वे इस मार्ग से होकर Kedarnath मंदिर तक पहुंचेंगे। हेलिकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्री भी इस आस्था पथ से होते हुए मंदिर तक पहुंचेंगे।
आपदा के 11 साल बाद आया नया पुल
16-17 जून 2013 को Kedarnath में आई भीषण आपदा ने मंदिर क्षेत्र को बहुत नुकसान पहुंचाया था। उस समय, संगम पर बने पुल के बह जाने के कारण श्रद्धालुओं को मंंदिर तक पहुंचने के लिए अस्थायी बैली ब्रिज का सहारा लेना पड़ा। लेकिन अब, लगभग 11 साल बाद, एक स्थायी और मजबूत पुल बनकर तैयार हुआ है, जो भविष्य में श्रद्धालुओं की यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाएगा।
पुल के निर्माण में कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ
इस पुल का निर्माण विषम परिस्थितियों में हुआ है। भारी बर्फबारी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद लोक निर्माण विभाग ने दो साल में इसे तैयार किया। इस पुल के निर्माण में कई प्रकार की चुनौतियाँ आईं, लेकिन विभाग ने इन्हें सफलता से पार किया। अब यह पुल केदारनाथ यात्रा को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
यात्रा की तैयारियाँ और आगामी बदलाव
Kedarnath यात्रा 2 मई से शुरू हो रही है और इस बार यात्रियों को नया अनुभव मिलने वाला है। श्रद्धालु अब इस नए पुल से होकर मंदिर तक पहुंचेंगे, और वे पहले से ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक महसूस करेंगे। अब तक यात्रा के मार्ग पर जो अस्थायी बदलाव किए गए थे, वे स्थायी रूप से लागू हो गए हैं, जिससे यात्रा का अनुभव और भी बेहतर होगा।