घूमने गए थे Pahalgam, गोलियों की बौछार में फंसे पर्यटक!

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नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर की शांति और खूबसूरती के प्रतीक Pahalgam में आज एक भयानक घटना घटी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले में कम से कम पांच निर्दोष पर्यटक घायल हो गए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब घाटी में पर्यटकों की भारी भीड़ थी और अमरनाथ यात्रा की तैयारियां ज़ोरों पर थीं।

बैसरन घाटी बनी आतंक का गवाह

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बैसरन घाटी, जो अपने खुले घास के मैदानों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, आज गोलियों की आवाज़ से गूंज उठी। यह इलाका इतना दुर्गम है कि वहां केवल पैदल या घोड़े के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। चश्मदीदों के मुताबिक, गोलियों की आवाज़ अचानक गूंजी और लोग इधर-उधर भागने लगे।

छद्मवेश में थे आतंकवादी

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकवादी छद्मवेश में थे और हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध और लक्षित था। हमलावरों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मकसद कश्मीर की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंचाना है।

घायल पर्यटकों का इलाज जारी, राहत और बचाव अभियान शुरू

घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बल और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंच गईं। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राहत और बचाव का काम युद्धस्तर पर जारी है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और हमलावरों की तलाश की जा रही है।

अमरनाथ यात्रा के रूट पर फिर खतरों का साया

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इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। यात्रा के दो मुख्य रूट हैं—एक पहलगाम से 48 किलोमीटर का और दूसरा बालटाल से 14 किलोमीटर का। आज का हमला इन रास्तों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है।

गृह मंत्री की सख्त चेतावनी

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की थी। उन्होंने विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद के सफाए और घुसपैठ पर ज़ीरो टॉलरेंस की बात कही थी। अब यह हमला सरकार की रणनीति और सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती की अग्निपरीक्षा बन चुका है।

पर्यटन और सुरक्षा – एक नाजुक संतुलन

Pahalgam जैसे पर्यटन स्थलों पर इस तरह के हमले न सिर्फ स्थानीय लोगों की रोज़ी-रोटी को प्रभावित करते हैं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचाते हैं। जरूरत है कि सुरक्षा और पर्यटन के बीच एक सख्त लेकिन संवेदनशील संतुलन बनाया जाए।

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