देश में त्यौहारों का मौसम शुरू हो चुका है और आने वाली 3 अगस्त (सोमवार) को मनाया जाएगा भाई—बहनों का त्यौहार रक्षा बंधन परन्तु राखी व्यपारियों के अनुसार इस साल के रक्षा बंधन पर चाईनीज़ राखियों की मांग काफी कम हो गई है।
पिछले दिनों भारत और चीन के बीच हुई झड़प के कारण लोग चीन में बनी राखियां नहीं खरीद रहे हैं महिलाएं भारत में बनी राखियों को तरजीह दे रहीं हैं ताकि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो।
नहीं बिक रहीं चाईनीज़ राखियां
दिल्ली की रहने वाली अंकाक्षा ने कहा कि “हम हर साल चाईनीज़ राखी खरीदते थे परन्तु इस साल मैं भारत की बनी हुई राखी ही खरीद रही हूं। हम चीन की अर्थव्यस्था को क्यों बढ़ाऐं जबकि वो हमारे सैनिकों पर हमला कर रहा है।”
स्थानीय राखी व्यपारी भी इस रक्षा बंधन पर चाईनीज़ राखी न तो खरीद रहे हैं और न ही बेच रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि भारत में बनी राखी से हमारे देश के लागों को रोज़गार मिल रहा है।
एक दुकानदार ने कहा कि “ग्राहक चीन की बनी राखी नहीं खरीद रहे हैं राखी को देखकर वे पहले पूछते हैं कि ये भारत की बनी है या चीन की? ग्राहक भारत में बनी हैंडमेड राखी ज्यादा खरीद रहे हैं इससे चीन के कारोबार में थोड़ा फर्क तो पड़ेगा और देश के लोकल कारीगरों को रोज़गार भी मिल रहा है।”
इसी तरह दिल्ली की ही रहने वाली प्राची ने कहा कि “हम केवल भारत में बनी राखी ही खरीदेंगे। हम पहले देख रहे हैं कि राखी भारत में बनी है या चीन में। हम चीन की बनी राखी किसी कीमत पर नहीं खरीदेंगे”
एक अन्य दुकान ने कहा कि “ग्राहक चीनी राखी नहीं खरीद रहे हैं इसलिए हमने जयपुर और कोलकाता से राखियां मंगाई हैं जिससे स्थानीय राखी कारीगरों को भी अच्छा काम मिल रहा है।”