सूरजकुंड मेला: मूक-बधिर बच्चों की कारीगरी देख चकित हो गऐ पर्यटक
फरीदाबाद, 01 अप्रैल। ऐसा कहा जाता है कि हर दिव्यांगजन को भगवान किसी न किसी हुनर से नवाजता है और वही हुनर उस दिव्यांगजन को विशेष बनाता है। ऐसा ही हुनर है श्रवण तथा वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र के बच्चों में। ये मूक बधिर बच्चे भले ही बोलने और सुनने में सक्षम नहीं हैं लेकिन इन बच्चों द्वारा कपड़ों से बनाए गए उत्पाद और कपड़ों पर की गई गजब की कढाई इनके हुनर की गवाही दे रही है।
मूक बधिर बच्चों बेहतरीन कारीगरी (Surajkund Mela 2022)
जी हां, हम बात कर रहे हैं सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले (Surajkund Mela 2022) में श्रवण तथा वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र की तरफ से लगाए गए स्टाल की। हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फॉर पर्सन विद स्पीच एंड हियरिंग इंपेयरमेंट की ओर से इस मेले में स्टाल नंबर 903 पर मूक-बधिर बच्चों द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इन दिव्यांग बच्चों द्वारा तैयार किए गए सूट, दुपट्टे, कुर्ता, बेडशीट, मास्क बैग और थालपोस बेहद आकर्षक बनाए गए हैं।
मूक बधिर कोमल, अपने स्टॉल पर आने वाले हर खरीददार को इशारों में ही खुश होकर अपने उत्पाद की खासियत बताने का प्रयास करती है। इसके साथ ही केंद्र की छात्रा तमन्ना भी खरीददारों को अपने बनाए प्रॉडक्ट की खासियतें बताने में प्रयासरत रहती है।
शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट भी
स्किल कंसल्टेंट फॉर टैक्सटाइल्स एंड डिजाइनिंग सुप्रिया अरोड़ा तंवर ने बताया कि श्रवण तथा वाणी निशक्तजन कल्याण केंद्र दिव्यांग बच्चों को आरम्भ से ही शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट करने का कार्य कराया जाता है। हरियाणा के गुरुग्राम, हिसार, सिरसा, करनाल, नूंह, सोनीपत तथा पंचकूला में ये केंद्र चलाए जाते हैं।
इसके साथ ही पंचकूला मुख्यालय पर एक अलग से केंद्र चलाया जाता है। उन्होंने बताया कि सोसायटी की स्टेट चेयरमैन शरणजीत कौर की अगुवाई में केंद्र के बच्चों ने कई राष्ट्रीय अवार्ड जीते हैं। केंद्र की ओर से अर्ली इंटरवेंशन सेंटर, डिजीटल साइन लैब भी चलाई जा रही है।
प्रदर्शनी से बच्चों का उत्साहवर्धन
केंद्र के बच्चों द्वारा बनाए गए प्रॉडक्ट्स की प्रदर्शनी (Surajkund Mela 2022) बच्चों के उत्साहवर्धन का कार्य करती है। समिति का प्रयास रहता है कि ये बच्चे किसी की दया पर निर्भर ना रहें बल्कि स्वयं इतने सक्षम बनें कि वे अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकें।