कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने हाल ही में अपने बेटे की दुर्लभ बीमारी Kawasaki Disease से जुड़ी कहानी साझा की। उन्होंने जेनिस सेक्वेरा के साथ एक पॉडकास्ट पर इस कठिन समय का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने आर्थिक संघर्ष के बीच अपने बेटे के इलाज का प्रबंधन किया। उनके बेटे मिकेल को डेढ़ साल की उम्र में यह बीमारी हुई थी, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है।
मुनव्वर ने भावुक होकर बताया, “उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे। तीन इंजेक्शन की ज़रूरत थी, जिनकी कीमत 25,000 रुपये प्रति इंजेक्शन थी। मुझे 75,000 रुपये की ज़रूरत थी, लेकिन मेरी जेब में केवल 700-800 रुपये थे। यह स्थिति मेरे लिए बहुत डरावनी थी।”
कावासाकी रोग क्या है?
Kawasaki Disease एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें शरीर की रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। यह मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
कावासाकी रोग के लक्षण
यह बीमारी कई चरणों में अपने लक्षण दिखाती है। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- लंबे समय तक बुखार – यह मुख्य लक्षण है, जो 5 दिनों या उससे अधिक समय तक बना रहता है।
- चकत्ते – शरीर के विभिन्न हिस्सों पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं, विशेष रूप से छाती, पेट या जननांग क्षेत्र में।
- लाल आँखें – बिना मवाद के आँखों में लाली।
- सूजी हुई लिम्फ नोड्स – खासकर गर्दन के क्षेत्र में।
- जोड़ों में दर्द और सूजन – घुटनों और कूल्हों में बेचैनी।
- चिड़चिड़ापन और भ्रम – बच्चों में मानसिक बेचैनी देखी जा सकती है।
इस बीमारी के कारण क्या हैं?
हालांकि Kawasaki Disease का सटीक कारण अब तक ज्ञात नहीं हो पाया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से जोड़ते हैं। यह किसी संक्रमण या आनुवंशिक कारकों के कारण भी हो सकता है।
निदान और उपचार कैसे होता है?
Kawasaki Disease का निदान मुख्य रूप से लक्षणों और रक्त परीक्षण के आधार पर किया जाता है। हृदय की स्थिति का आकलन करने के लिए इकोकार्डियोग्राम भी किया जाता है।
इस बीमारी का जल्द पता लग जाए तो इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार में शामिल हैं:
- इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) – प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एंटीबॉडी का प्रशासन।
- एस्पिरिन – सूजन और रक्त के थक्के बनने से रोकने के लिए।
- इकोकार्डियोग्राम – हृदय की नियमित निगरानी।
मुनव्वर फारुकी की प्रेरणादायक कहानी
मुनव्वर की यह कहानी सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि एक पिता के अदम्य साहस की भी है। उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद अपने बेटे की बीमारी से हार नहीं मानी और हर संभव कोशिश की। उनकी यह कहानी हमें दिखाती है कि कठिन हालात में भी इंसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।