V. Narayanan ISRO Chairman ने रच दिया इतिहास, जानें उनके क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में योगदान
V. Narayanan ISRO Chairman: नई दिल्ली, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए अध्यक्ष के रूप में डॉ. वी. नारायणन की नियुक्ति भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 14 जनवरी, 2025 से वह इसरो के प्रमुख का पदभार संभालेंगे। उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है, जब इसरो उपग्रह प्रौद्योगिकी, उन्नत अंतरिक्ष अन्वेषण और वैश्विक सहयोग में तेजी से प्रगति कर रहा है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. वी. नारायणन का जन्म तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के मेलकट्टू गांव में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही पूरी की। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (DME) में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (AMIE) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एसोसिएट मेंबरशिप प्राप्त की।
डॉ. नारायणन ने IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) की पढ़ाई की, जहां उन्होंने टॉप रैंक के साथ स्नातक किया। उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की, जिससे उनकी विशेषज्ञता और गहराई से निखरी।
इसरो में योगदान और उपलब्धियां
डॉ. नारायणन 1984 में इसरो में शामिल हुए। अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) और रोहिणी साउंडिंग रॉकेट के लिए सॉलिड प्रोपल्शन सिस्टम बनाने में मदद की। बाद में, वह GSLV Mk III C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।
उन्होंने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 मिशनों के लिए महत्वपूर्ण प्रणोदन प्रणाली विकसित करने में योगदान दिया। इसके अलावा, गगनयान कार्यक्रम में उन्होंने मानव-रेटेड क्रायोजेनिक स्टेज और चालक दल मॉड्यूल के लिए प्रणोदन प्रणालियों पर काम किया।
नेतृत्व और सफलता की ओर कदम
डॉ. नारायणन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिला रहा है। उनके नेतृत्व में इसरो ने न केवल तकनीकी रूप से उन्नत मिशनों को सफल बनाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को भी मजबूत किया है।
उनकी योजनाएं न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूत करेंगी, बल्कि युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेंगी।
पुरस्कार और सम्मान
डॉ. नारायणन को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- ASI स्वर्ण पदक
- ISRO उत्कृष्ट उपलब्धि पुरस्कार
- IIT खड़गपुर का प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार (2018)
- राष्ट्रीय वैमानिकी पुरस्कार (2019)
- सत्यभामा विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट ऑफ साइंस
भारत के अंतरिक्ष भविष्य के लिए उम्मीद
डॉ. नारायणन की विशेषज्ञता और अनुभव से इसरो को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है। उनके नेतृत्व में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में नई तकनीकी प्रगति और वैश्विक मान्यता प्राप्त करने की संभावना है।