नई दिल्ली, भारत के प्रसिद्ध टीवी शो Shark Tank इंडिया के सीजन 4 में एक अनोखी और दिलचस्प पिच पेश की गई। उद्यमी करण और अद्विता ने अपनी लग्जरी कंसीयज सेवा इंडुल्ज को शो में पेश किया। उनका बिजनेस मॉडल अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ (UHNW) व्यक्तियों को कस्टम ट्रैवल, बढ़िया भोजन, और विशेष खरीदारी अनुभव जैसी सेवाएं प्रदान करता है। वे इन सेवाओं के बदले प्रत्येक ग्राहक से 40,000 रुपये मासिक या 4 लाख रुपये सालाना शुल्क लेते हैं। इस पिच के दौरान दोनों ने शार्क्स से 1% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की मांग की।
‘इंडुल्ज’ की सेवाएं और खासियत
इंडुल्ज का उद्देश्य अत्यधिक समृद्ध और विशेष आवश्यकताओं वाले लोगों को एक असाधारण और व्यक्तिगत सेवा प्रदान करना है। यह सेवा ग्राहकों को उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के हर पहलू को आसानी से और शानदार तरीके से मैनेज करने में मदद करती है। इसमें कस्टम ट्रैवल, शानदार भोजन अनुभव, और विशेष खरीदारी जैसे कई विशेष अनुभव शामिल हैं, जो आमतौर पर बहुत ही उच्च स्तर के होते हैं।
शार्क्स का रिएक्शन और चिंता
जहां एक ओर इस पिच में दिखाए गए व्यवसाय के उच्च दर्जे के स्तर ने शो के दर्शकों को आकर्षित किया, वहीं शार्क्स ने कई मुद्दों पर अपनी चिंता जताई। सबसे बड़ी चिंता का कारण था इस बिजनेस मॉडल की पारदर्शिता की कमी। शार्क अनुपम मित्तल ने सवाल उठाया कि ग्राहकों को बैक-एंड कमीशन के बारे में क्यों नहीं बताया गया, जबकि व्यवसाय में कमीशन का अहम रोल था। करण और अद्विता ने जवाब दिया कि उन्हें लगता है कि ग्राहक को इस बारे में जानने की जरूरत नहीं है, जो कि शार्क्स के लिए एक विवादास्पद बयान साबित हुआ।
कोक की किमत पर सवाल: 4,000 रुपये में डाइट कोक
इस पिच का एक और दिलचस्प हिस्सा था, जब करण और अद्विता ने एक उदाहरण साझा किया जिसमें 4,000 रुपये में एक हिमालय के सुदूर गांव में डाइट कोक की कैन पहुंचाई गई। इस किस्से ने शार्क्स को हैरान कर दिया। अमन गुप्ता ने इस पर मजाक करते हुए कहा, “कोक की एक कैन के लिए 4,000 रुपये?” इस उदाहरण ने दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि एक सामान्य सेवा को इस तरह के दामों में बेचना कितना सही है।
पारदर्शिता और बिजनेस की स्थिरता पर संदेह
शार्क्स की चिंता सिर्फ इस पिच के महंगे उदाहरणों तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने कंपनी की वित्तीय पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए। अनुपम मित्तल ने साफ कहा कि “आपके आंकड़े आपके द्वारा चित्रित की गई तस्वीर से मेल नहीं खाते।” इस पर करण और अद्विता ने बताया कि उनका व्यवसाय भले ही अभी छोटा हो, लेकिन उनका लक्ष्य भविष्य में बड़े पैमाने पर विस्तार करना है। हालांकि, शार्क्स को उनके जवाबों में स्पष्टता की कमी महसूस हुई।
पीयूष बंसल का मन बदलना और निवेश से इंकार
शार्क्स ने इस पिच पर रुचि दिखाई, लेकिन जैसे ही उन्होंने इस व्यवसाय के अतीत के बारे में अधिक जानकारी ली, उनकी रुचि ठंडी पड़ गई। पीयूष बंसल, जिन्होंने शुरुआत में निवेश करने की इच्छा जताई थी, बाद में अपने फैसले से पीछे हट गए। उन्होंने बताया कि निखिल कामथ, जिन्होंने पहले 75 लाख रुपये का सीड फंडिंग निवेश किया था, बाद में स्पष्टता की कमी के कारण निवेश से बाहर हो गए थे।