Telegram पर 640,000 डॉलर का जुर्माना! जानिए इसके पीछे की वजह!

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नई दिल्ली, ऑस्ट्रेलिया के ऑनलाइन सुरक्षा नियामक ने Telegram पर बाल यौन शोषण और हिंसक चरमपंथी सामग्री के प्रसार पर कड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में Telegram को एक मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 640,000 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना इस कारण से लगाया गया है कि टेलीग्राम ने बाल यौन शोषण सामग्री और हिंसक सामग्री से निपटने के लिए उठाए गए उपायों पर सवालों का जवाब देने में बहुत देरी की।

ईसेफ्टी कमीशन का सवाल

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मार्च 2024 में, ऑस्ट्रेलिया के ईसेफ्टी कमीशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि YouTube, Reddit और Telegram से सवाल पूछा था कि वे अपनी सेवाओं पर बाल यौन शोषण सामग्री और हिंसक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। इन्हें इस बारे में जवाब देने के लिए मई तक का समय दिया गया था, लेकिन टेलीग्राम ने अपना जवाब अक्टूबर में दाखिल किया, जो कि नियत समय सीमा से काफी देरी था।

ईसेफ्टी कमिश्नर का बयान

ऑस्ट्रेलिया के ईसेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “ऑस्ट्रेलिया में समय पर पारदर्शिता एक स्वैच्छिक आवश्यकता नहीं है और यह कार्रवाई ऑस्ट्रेलियाई कानून का अनुपालन करने वाली सभी कंपनियों के महत्व को मजबूत करती है।” उन्होंने यह भी कहा कि टेलीग्राम द्वारा जानकारी प्रदान करने में देरी ने ईसेफ्टी को अपने ऑनलाइन सुरक्षा उपायों को लागू करने में कठिनाई उत्पन्न की।

Telegram का जवाब

टेलीग्राम ने इस जुर्माने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसने ईसेफ्टी के सभी सवालों का जवाब पिछले साल दे दिया था और कोई भी बकाया समस्या नहीं थी। कंपनी का कहना है कि जुर्माना केवल प्रतिक्रिया समय सीमा से संबंधित है और वह इस जुर्माने के खिलाफ अपील करने का इरादा रखती है।

फ्रांस में भी हो रही है जांच

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टेलीग्राम पर ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी ध्यान दिया जा रहा है। फ्रांस की जासूसी एजेंसी ने अगस्त में टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव के खिलाफ औपचारिक जांच शुरू की थी। यह जांच ऐप के कथित उपयोग के संबंध में अवैध गतिविधियों के आरोपों को लेकर की जा रही है। ड्यूरोव ने आरोपों का खंडन किया है और वे जमानत पर बाहर हैं।

ऑनलाइन सुरक्षा का बढ़ता खतरा

ईसेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने इस मामले को लेकर स्पष्ट किया कि ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर बिग टेक कंपनियों को अधिक पारदर्शी होना चाहिए और उन्हें अपनी सेवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उनका मानना है कि ऑनलाइन चरमपंथी सामग्री के प्रसार से खतरा बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है।

Telegram को चेतावनी

अगर टेलीग्राम जुर्माना नोटिस को नजरअंदाज करता है तो ईसेफ्टी नागरिक दंड की मांग कर सकता है। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कंपनियां अपनी जिम्मेदारी समझें और ऑनलाइन सुरक्षा के मानकों का पालन करें।

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