ट्यूबवेल खुदाई के दौरान Jaisalmer में हुई चौंकाने वाली घटना!
नई दिल्ली, Jaisalmer जिले के मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में 27 बीडी के चक तीन जोरावाला में ट्यूबवेल खुदाई के दौरान शनिवार को पानी का फव्वारा फूट पड़ा। तेज गति से पानी का निकलना दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे इलाके में कौतूहल और चिंता दोनों का माहौल है। दूर-दराज से ग्रामीण इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।
ग्रामीणों को दी गई सावधानियां
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जिला प्रशासन, भूजल विभाग और पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखा है। ग्रामीणों और किसानों को पानी निकलने वाले स्थान से 500 मीटर दूर रहने की सलाह दी गई है। मुरब्बे में बने मकान को खाली करा लिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
भूजल वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास इणखिया के अनुसार, अत्यधिक गहराई तक खुदाई के कारण जमीन के अंदर का पानी तेज गति से बाहर निकल रहा है। उनका मानना है कि यह जलधारा तब तक जारी रहेगी, जब तक भूजल का लेवल सामान्य नहीं हो जाता। जैसे ही लेवल बराबर होगा, पानी अपने आप रुक जाएगा।
जांच के लिए कैयर्न एनर्जी की टीम बुलवाई गई
राजस्व नायब तहसीलदार ललित चारण ने बताया कि पानी के प्रवाह की गति दिनभर एक जैसी बनी रही। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाड़मेर से कैयर्न एनर्जी की विशेषज्ञ टीम बुलवाई गई है। यह टीम मामले की प्रारंभिक जांच कर अपनी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपेगी, जिसके बाद पानी को रोकने की प्रक्रिया शुरू होगी।
खेत बना तालाब, किसानों की बढ़ी चिंता
पानी के तेज प्रवाह के कारण खेत तालाब में बदल गया है। इस घटना से किसानों में चिंता का माहौल है, क्योंकि पानी के तेज बहाव से उनकी खड़ी फसलें नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है। ट्यूबवेल खुदाई के दौरान लगभग 800 फीट गहराई तक काम पूरा हो चुका था, जब अचानक पानी बाहर निकलने लगा।
प्राकृतिक घटना या तकनीकी चूक?
अधिकारियों के अनुसार, यह घटना भूजल स्तर में असंतुलन का परिणाम हो सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि यह घटना प्राकृतिक कारणों से हुई या तकनीकी चूक का नतीजा है।