Ravindra Jadeja की पट्टी और शानदार गेंदबाजी ने बदल दिया मैच का रुख, जानिए कैसे!

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नई दिल्ली, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रोमांचक मुकाबला जारी था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, और उनकी टीम ने अच्छी शुरुआत की। हालांकि, इस मैच में एक दिलचस्प और अजीब स्थिति पैदा हुई, जब Ravindra Jadeja को गेंदबाजी करते समय अंपायर ने उन्हें रोक लिया। यह घटना न केवल मैच का हिस्सा बनी, बल्कि जडेजा ने इस बीच अपनी चोट के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया और टीम इंडिया को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई।

Ravindra Jadeja को बॉलिंग से पहले क्यों रोका गया?

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे इस महत्वपूर्ण सेमीफाइनल में Ravindra Jadeja की गेंदबाजी ने सभी को चौंका दिया। जब जडेजा गेंदबाजी करने आए, तो अंपायर ने उन्हें तुरंत रोक लिया और हाथ से पट्टी निकालने को कहा। क्रिकेट के नियमों के अनुसार, कोई भी गेंदबाज अपने बॉलिंग हैंड पर टेप या पट्टी नहीं लगा सकता है, क्योंकि इससे गेंदबाजी में मदद मिलती है और गेंद का गति पर असर पड़ता है।

हालांकि, Ravindra Jadeja के मामले में बात कुछ अलग थी। जब उन्होंने अपनी पट्टी उतारी, तो उनके हाथ से खून निकलने लगा, जिससे उन्हें कुछ देर के लिए डगआउट में जाना पड़ा। इस दौरान उनके हाथ पर पट्टी लगी हुई थी, लेकिन फिर भी जडेजा ने गेंदबाजी जारी रखी। जडेजा का यह संघर्ष और उनके हाथ में लगी पट्टी ने उन्हें और भी मजबूत बना दिया और उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को झकझोर दिया।

Ravindra Jadeja ने कैसे दिलाई भारत को सफलता?

जडेजा ने 23वें ओवर में अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन को एलबीडबल्यू आउट किया। यह विकेट भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि जडेजा की गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई पारी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की पारी पूरी तरह से दबाव में आ गई और टीम इंडिया को मैच में पूरी तरह से वापस आने का मौका मिला।

जडेजा की इस शानदार गेंदबाजी ने साबित कर दिया कि क्रिकेट में चोट और मुश्किलें कभी भी किसी खिलाड़ी को उसके प्रदर्शन में रुकावट नहीं डाल सकतीं। इस कठिन स्थिति के बावजूद उन्होंने अपना पूरा ध्यान मैच पर केंद्रित रखा और भारत को एक बड़ी सफलता दिलाई।

MCC का नियम और Ravindra Jadeja का संघर्ष

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क्रिकेट में गेंदबाजों के लिए एक अहम नियम यह है कि वे अपने बॉलिंग हैंड पर किसी भी प्रकार की पट्टी या टेपिंग नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि इससे गेंद पर अधिक घर्षण होता है और यह गेंदबाज को मदद करता है। हालांकि, अगर किसी गेंदबाज के हाथ में चोट हो तो उसे ऐसी स्थिति में पट्टी लगाने की अनुमति दी जा सकती है। यही कारण था कि Ravindra Jadeja को इस सेमीफाइनल मैच में गेंदबाजी करने की अनुमति मिली, क्योंकि उनके हाथ में चोट थी।

चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में जहां हर गेंद और हर रन मायने रखता है, जडेजा ने अपनी फिरकी से ऑस्ट्रेलिया की टीम को मुश्किल में डाल दिया। उनके द्वारा किया गया रन आउट और विकेट भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ और टीम इंडिया को एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।

जडेजा का योगदान: भारत के लिए एक अहम पल

Ravindra Jadeja का प्रदर्शन इस सेमीफाइनल में भारत के लिए अहम साबित हुआ। उनकी शानदार गेंदबाजी और जज्बे ने न केवल भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता दिलाई, बल्कि उन्होंने यह भी दिखा दिया कि खिलाड़ी को किसी भी मुश्किल परिस्थिति में अपनी पूरी मेहनत और इरादे से खेलना चाहिए। उनकी मेहनत और संघर्ष से यह साबित होता है कि कोई भी कठिनाई, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, किसी खिलाड़ी को उसकी क्षमताओं से वंचित नहीं कर सकती।

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