प्रधानमंत्री मोदी ने Dr. Chidambaram के निधन पर क्या कहा? जानें
Dr. Chidambaram: नई दिल्ली, 4 जनवरी 2025 को, भारतीय विज्ञान और परमाणु कार्यक्रम के एक महत्वपूर्ण स्तंभ, डॉ. राजगोपाला चिदंबरम का निधन हो गया। यह खबर भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए गहरा धक्का है, क्योंकि उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी। उनका निधन मुंबई के जसलोक अस्पताल में हुआ, जैसा कि परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने पुष्टि की।
भारत के परमाणु कार्यक्रम में अभूतपूर्व योगदान
Dr. Chidambaram का योगदान भारत के परमाणु कार्यक्रम में अमूल्य था। 1974 में भारत के पहले परमाणु परीक्षण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी, जिसे “स्माइलिंग बुद्धा” के नाम से जाना जाता है। इसके बाद, 1998 में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में उन्होंने परमाणु ऊर्जा विभाग की टीम का नेतृत्व किया। इन परीक्षणों ने भारत को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया और विश्व स्तर पर उसकी वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से Dr. Chidambaram के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “डॉ. चिदंबरम भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख वास्तुकारों में से एक थे। उन्होंने भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।”
Dr. Chidambaram का करियर और सम्मान
Dr. Chidambaram ने अपनी शिक्षा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज और बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान से प्राप्त की थी। अपने करियर में उन्होंने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। इनमें भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार (2001-2018), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक (1990-1993), और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य करना शामिल है।
उनकी सेवा के दौरान, उन्होंने 1994 से 1995 तक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा, उन्हें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों का सदस्य होने का भी सम्मान प्राप्त था।
पुरस्कार और सम्मान
Dr. Chidambaram को उनके कार्यों के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। 1975 में उन्हें पद्म श्री और 1999 में पद्म विभूषण जैसे उच्चतम सम्मान प्राप्त हुए। उनके द्वारा किए गए योगदानों के लिए उन्हें कई विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली।
भारत को छोड़ने वाली एक महान शख्सियत
Dr. Chidambaram का निधन भारतीय विज्ञान और परमाणु कार्यक्रम के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। भारत ने उन्हें हमेशा कृतज्ञता के साथ याद किया और किया जाएगा। उनका योगदान न केवल देश के वैज्ञानिक विकास के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नया स्थान दिलाया।