UK में अवैध काम करने वालों की शामत, 800 से ज्यादा प्रवासी देश से बाहर!
नई दिल्ली, UK की लेबर सरकार ने देश में अवैध रूप से रहने और काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इसे “यूके-व्यापी हमले” के रूप में बताया जा रहा है, जिसमें भारतीय रेस्तरां, नेल बार, सुविधा स्टोर और कार वॉश जैसे व्यवसायों को निशाना बनाया गया है, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक काम करते हैं।
जनवरी में रिकॉर्ड तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां
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ब्रिटिश गृह सचिव यवेटे कूपर की देखरेख में गृह कार्यालय ने जनवरी 2025 में रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई की। इस दौरान कुल 828 परिसरों पर छापेमारी हुई, जो पिछले साल की तुलना में 48% अधिक है। इसके अलावा, गिरफ्तारियों की संख्या 609 तक पहुंच गई, जो 73% की वृद्धि को दर्शाती है। यह कदम अवैध काम करने वालों पर शिकंजा कसने और प्रवासी श्रमिकों का शोषण रोकने के लिए उठाया गया है।
रेस्तरां और टेकअवे पर सबसे ज्यादा छापेमारी
सरकार के मुताबिक, अवैध रूप से काम करने वालों की सबसे अधिक संख्या रेस्तरां, टेकअवे, कैफे और तंबाकू उद्योग में पाई गई। अकेले उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्तरां पर छापेमारी के दौरान सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से चार को हिरासत में ले लिया गया।
गृह सचिव यवेटे कूपर का सख्त संदेश
यवेटे कूपर ने कहा, “आव्रजन नियमों का पालन किया जाना चाहिए और उनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। अवैध रूप से रहने और काम करने वाले लोगों के खिलाफ पहले कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी, लेकिन अब हम इसे बदल रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि अवैध प्रवासियों को काम देने वाले नियोक्ताओं पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
विशेष चार्टर उड़ानों के जरिए प्रवासियों का निर्वासन
प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की सरकार यह दिखाने के लिए भी प्रयासरत है कि वे अवैध आप्रवासन को रोकने के लिए गंभीर हैं। इसी के तहत सरकार ने ‘आपराधिक प्रवासियों’ को हटाने के लिए विशेष चार्टर उड़ानों का इस्तेमाल किया है। इन उड़ानों से अब तक 800 से अधिक प्रवासियों को देश से बाहर भेजा जा चुका है।
टीवी फुटेज के जरिए कड़ा संदेश
सरकार की “दिखाओ, बताओ नहीं” रणनीति के तहत निर्वासित किए जाने वाले प्रवासियों का टीवी फुटेज भी जारी किया गया है। इन वीडियोज़ में प्रवासियों को बसों और चार्टर जेट्स में ले जाते हुए दिखाया गया है। इनमें से कई प्रवासी गंभीर अपराधों जैसे कि नशीली दवाओं की तस्करी, चोरी, बलात्कार और हत्या में दोषी पाए गए थे।
आपराधिक गिरोहों के खिलाफ नया कानून
इस कार्रवाई के साथ ही सरकार ने “सीमा सुरक्षा, शरण और आव्रजन विधेयक” को संसद में पेश किया है। इस नए कानून का उद्देश्य संगठित अपराध गिरोहों को खत्म करना और अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाना है।
भविष्य में और बढ़ेगी सख्ती
गृह कार्यालय के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में अवैध कार्यवाही और गिरफ्तारियों में 38% की वृद्धि हुई है। नियोक्ताओं को प्रति अवैध कर्मचारी £60,000 (लगभग 63 लाख रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
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सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध रूप से रहने और काम करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले महीनों में ऐसी और भी छापेमारी की जा सकती है, जिससे अवैध प्रवासियों के लिए ब्रिटेन में रहना और कठिन हो जाएगा।