नई दिल्ली, भारतीय तेज गेंदबाज Mohammed Shami के लिए 2024 बेहद कठिन रहा। एक गंभीर टखने की चोट ने उन्हें पूरे साल क्रिकेट से दूर रखा, जिससे उनका करियर खतरे में पड़ गया। शमी के लिए यह समय मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण था। उन्हें डर था कि क्या वह दोबारा मैदान पर उतर भी पाएंगे या नहीं। इस लंबे संघर्ष के बाद अब Mohammed Shami भारतीय टीम में लौट चुके हैं और चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के तेज आक्रमण की अगुवाई कर रहे हैं।
पुनर्वास की कठिन यात्रा और अनिश्चित भविष्य
Sponsored Ad
Mohammed Shami ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह बैसाखी के सहारे चल रहे थे, तब उनके मन में कई तरह के सवाल उठते थे। उन्होंने कहा, “जो इंसान मैदान पर लगातार दौड़ने का आदी था, वह अब बैसाखी के सहारे है। मुझे खुद पर शक होने लगा था कि क्या मैं बिना लंगड़ाए चल भी पाऊंगा?” उनकी सर्जरी मार्च 2024 में हुई, लेकिन घुटने की समस्या के कारण उनकी वापसी में और देरी हो गई। डॉक्टरों ने शमी को पहले चलना सिखाया, फिर दौड़ने की अनुमति दी। मैदान पर लौटने का सफर उनके लिए एक बच्चे के चलना सीखने जैसा था।
पहली बार पैर जमीन पर रखने से भी डर गए थे शमी
Mohammed Shami ने खुलासा किया कि चोट के 60 दिनों के बाद जब उन्हें डॉक्टर ने जमीन पर पैर रखने को कहा, तो वह घबरा गए। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि जमीन पर पैर रखने से भी डर लगेगा। ऐसा लग रहा था जैसे मैं पहली बार चलना सीख रहा हूँ।” यह मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत कठिन समय था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे फिटनेस में सुधार किया।
भारत के लिए खेलने का जुनून बना प्रेरणा
Mohammed Shami के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा भारत के लिए दोबारा खेलने की इच्छा थी। उन्होंने कहा, “मेरे सीने पर भारत का बैज पहनने की इच्छा ने मुझे हर दर्द सहने की ताकत दी।” उन्होंने कठिन रिहैब से गुजरते हुए बिना किसी शिकायत के छोटे-छोटे कदम आगे बढ़ाए। शमी की मेहनत और धैर्य ने उन्हें दोबारा टीम इंडिया में जगह दिलाई।
चैंपियंस ट्रॉफी में बुमराह की गैरमौजूदगी में बड़ी जिम्मेदारी
2023 के वनडे विश्व कप में Mohammed Shami शानदार प्रदर्शन कर चुके थे और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। अब चैंपियंस ट्रॉफी में चोट के कारण बाहर हुए जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में उन पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। शमी का कहना है कि वह अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे ताकि टीम इंडिया को जीत दिला सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जब एक बार खिलाड़ी क्रिकेट से दूर चला जाता है, तो उसे कोई याद नहीं रखता, इसलिए वह जितना संभव हो भारत के लिए खेलते रहना चाहते हैं।