Manu Bhaker की चूक, फिर भी मिली खेल रत्न पुरस्कार! जानें पूरा सच!
नई दिल्ली, रविवार, 2024 के राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में, भारतीय शूटर Manu Bhaker ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त किया। यह पुरस्कार उन्हें उनके ओलंपिक प्रदर्शन और शूटर के रूप में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए मिला। हालांकि, इस मौके पर Manu Bhaker को एक अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा, लेकिन जल्द ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और वह ठीक समय पर पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मंच पर पहुंचीं।
खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने से पहले की घटना
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जब Manu Bhaker अपने पुरस्कार प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति मुर्मू के पास जाने वाली थीं, तब उद्घोषक ने उनकी उपलब्धियों का ब्योरा पढ़ना शुरू किया। जैसे ही उद्घोषक ने Manu Bhaker का नाम लिया, वह थोड़ा आगे बढ़ने लगीं, लेकिन जैसे ही उन्होंने महसूस किया कि उद्घोषक ने अभी अपनी बात पूरी नहीं की है, उन्होंने अपने कदम वापस खींच लिए। इस क्षण में उनके चेहरे पर एक मुस्कान थी, जो इस हल्की सी चूक को लेकर थी। बाद में, वह सही समय पर मंच पर जाकर पुरस्कार प्राप्त करने में सफल रही।
Manu Bhaker की ओलंपिक सफलता
22 वर्षीय Manu Bhaker को यह पुरस्कार उनकी ओलंपिक यात्रा के लिए मिला, जहां उन्होंने 2024 पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते। वह ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं। Manu Bhaker की तीसरी पदक जीतने की उम्मीद भी थी, लेकिन वह महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में चौथे स्थान पर आकर उस लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी।
Manu Bhaker का खेल रत्न पुरस्कार विवाद
हालांकि, इस पुरस्कार से पहले एक छोटा सा विवाद भी सामने आया था। शुरुआत में खबरें आईं कि Manu Bhaker का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित नहीं किया गया था। खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें मनु भाकर से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ था, जबकि उनके परिवार ने दावा किया कि उन्होंने आवेदन किया था। बाद में, मनु भाकर ने खुद इस विवाद को लेकर बयान दिया और कहा कि शायद उनकी तरफ से कोई चूक हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए पुरस्कार और मान्यता केवल प्रेरणा का स्रोत हैं, और उनका असली उद्देश्य कुछ और ही है।
मंत्रालय की ओर से नामांकन की स्वीकारोक्ति
इसके बाद खेल मंत्रालय ने अपनी ओर से चूक को सुधारते हुए Manu Bhaker का नाम खेल रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में जोड़ लिया। Manu Bhaker ने इस विवाद को सुलझाने के बाद खुशी जाहिर की और यह भी कहा कि यह पुरस्कार उन्हें और मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।