The Six Triple Eight के बारे में जानिए क्या है असली कहानी!
नई दिल्ली, फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर कुछ ऐसी फिल्में आती हैं, जो दर्शकों से उम्मीदें बहुत अधिक होती हैं। एक ऐसी ही फिल्म है “The Six Triple Eight”, जो 6888वीं बटालियन की असल जीवन कहानी पर आधारित है। यह फिल्म टायलर पेरी द्वारा निर्देशित है और यह खासकर उन महिलाओं की संघर्षों और सफलता की कहानी बताती है, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, यह फिल्म कई मायनों में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती, लेकिन फिर भी इसने दर्शकों को एक ऐतिहासिक कहानी से रूबरू कराया है।
6888वीं बटालियन की गुमनाम नायिकाएं
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फिल्म की कहानी 6888वीं बटालियन की महिलाओं के बारे में है, जो एकमात्र ऑल-ब्लैक महिला सेना बटालियन थी। इस बटालियन का नेतृत्व मेजर चैरिटी एडम्स (केरी वाशिंगटन) ने किया था। यह फिल्म दिखाती है कि इन महिलाओं ने युद्ध के दौरान सैनिकों और उनके परिवारों को हजारों बैक-अप मेल और पार्सल कैसे वितरित किए। फिल्म में दर्शाए गए इन महिलाओं के संघर्ष, बहनचारे और नस्लवाद के खिलाफ उनकी जंग वास्तव में बहुत प्रेरणादायक है।
कहानी का फोकस और कमजोरियां
जहां फिल्म में इन महिलाओं की वीरता को उजागर किया गया, वहीं यह फिल्म अक्सर उन मुद्दों में उलझी दिखाई देती है, जो शायद उस कहानी को ज्यादा गंभीर और गहरे तरीके से दिखा सकते थे। खासकर फिल्म में लीना डेरिकॉट (एबोनी ऑब्सीडियन) की प्रेम कहानी पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। यह प्रेम कहानी बेशक दिलचस्प हो सकती थी, लेकिन यह कहानी के मुख्य मुद्दों से हटा देती है। फिल्म में रैखिक तरीके से बताई गई कहानी में और गहराई की कमी थी, जिससे कई महत्वपूर्ण पहलू छूट गए।
अश्वेत महिलाओं का रूढ़िवादी चित्रण
फिल्म में एक और समस्या यह है कि अश्वेत महिलाओं के चित्रण में बहुत सारी सामान्यीकरण और रूढ़िवादिता देखने को मिलती है। उदाहरण के तौर पर, फिल्म में दिखाए गए सभी श्वेत चरित्र इतने नकारात्मक होते हैं कि वे कभी-कभी हास्य का कारण बन जाते हैं, जो इस संवेदनशील विषय पर सही नहीं लगता। अश्वेत महिलाओं के संघर्ष को इतनी गंभीरता से दिखाने की बजाय, फिल्म उन्हें और उनके संघर्षों को हल्का बना देती है। यह बात कई दर्शकों को निराश कर सकती है, क्योंकि इन महिलाओं ने वाकई में संघर्षों का सामना किया था।
कलाकारों का अभिनय
फिल्म में अभिनय की बात करें तो, इसमें कई प्रतिभाशाली कलाकारों ने अभिनय किया है। केरी वाशिंगटन ने मेजर चैरिटी एडम्स का किरदार निभाया है, जो एक मजबूत और प्रेरणादायक महिला का चित्रण करती हैं। हालांकि, कुछ अन्य किरदारों का अभिनय ज्यादा प्रभावी नहीं लगता। एबोनी ऑब्सीडियन ने लीना का रोल किया है, जो भावनात्मक उतार-चढ़ाव दिखाने में लगी रहती है, लेकिन कभी भी उस गहराई से नहीं गुजर पाती, जिसकी उम्मीद थी। इसके अलावा, फिल्म में अन्य मशहूर अभिनेत्रियां जैसे ओपरा विनफ्रे और सुसान सारंडन भी हैं, लेकिन उनकी भूमिकाएं बहुत छोटी और औसत ही रह जाती हैं।
कुल मिलाकर समीक्षा
कुल मिलाकर “The Six Triple Eight” एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना को दर्शाती है, लेकिन फिल्म में कई जगहों पर सुधार की आवश्यकता थी। इसका अधिकतर समय नकारात्मक पक्ष पर ही केंद्रित था, बजाय इसके कि महिलाओं के संघर्षों को गहराई से दिखाया जाए। उम्मीद की जाती थी कि फिल्म का निर्देशन और लेखन और प्रभावी तरीके से होता, ताकि यह उन महिलाओं की कहानी को और अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर पाती।
फिल्म में जिन मुद्दों को दिखाया गया है, वे बेहद जरूरी हैं, और हमें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की कहानियों को और अधिक सटीकता और गहराई से प्रस्तुत किया जाएगा।