नई दिल्ली, जब Shahrukh Khan ने 2008 में अपनी आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को खरीदा था, तो उनका सपना था कि उनकी टीम शुरू से ही एक विजेता बनेगी। बॉलीवुड के बादशाह ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था, और उन्हें उम्मीद थी कि उनकी टीम हर सीजन में सफलता हासिल करेगी। लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग थी, क्योंकि टीम को शुरुआती सीज़न में काफी संघर्ष करना पड़ा।
Shahrukh Khan की उम्मीदें और कड़ी शुरुआत
Sponsored Ad
Shahrukh Khan का आईपीएल के प्रति आकर्षण सिर्फ एक व्यापारिक निर्णय नहीं था, बल्कि उनके दिल में एक गहरी उम्मीद थी। वह चाहते थे कि उनकी टीम आईपीएल में सबसे सफल हो, लेकिन शुरुआत में टीम को वह सफलता नहीं मिली, जो शाहरुख ने सोची थी। 2008 में टीम का प्रदर्शन उम्मीदों से कम था और उसके बाद भी टीम को शुरुआती सालों में संघर्ष ही करना पड़ा।
2014 की डॉक्यूमेंट्री में दर्दनाक यादें
2014 में एक डॉक्यूमेंट्री “लिविंग विद केकेआर” में Shahrukh Khan ने अपनी टीम के संघर्षों का खुलासा किया। इसमें शाहरुख ने बताया कि उन्हें कभी यह एहसास नहीं हुआ था कि एक क्रिकेट टीम का मालिक होना इतना मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी बताया कि वह कभी भी आईपीएल में “व्यक्तिगत सफलता” के लिए नहीं आए थे। उनका मानना था कि इसने उनके जीवन में नकारात्मकता लाई है।
स्टेडियम में हूटिंग का सामना
Shahrukh Khan के लिए एक चौंकाने वाला अनुभव तब हुआ जब उन्हें क्रिकेट स्टेडियम में हूटिंग का सामना करना पड़ा। उन्होंने इस घटना को साझा करते हुए कहा, “मैंने कभी स्टेडियम में हूटिंग का सामना नहीं किया था। मैं एक लाख लोगों की भीड़ में जा सकता था, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि लोग मुझसे नफरत करें।”
उनके लिए यह एक बिल्कुल नया अनुभव था, क्योंकि वह हमेशा अपने फिल्मों के लिए जनता से प्यार और समर्थन प्राप्त करते थे। लेकिन इस बार, उन्हें स्टेडियम में विरोध का सामना करना पड़ा, जो उनके लिए बेहद चौंकाने वाला था।
2008 का वानखेड़े स्टेडियम मैच
Shahrukh Khan के खिलाफ हूटिंग की घटना 2008 में वानखेड़े स्टेडियम में हुई थी, जब केकेआर का मुकाबला मुंबई इंडियंस से था। उस समय केकेआर के टीम डायरेक्टर जॉय भट्टाचार्य ने इस घटना को याद करते हुए बताया, “वह इसलिए दुखी नहीं थे क्योंकि हम हार गए, बल्कि इसलिए दुखी थे कि जिस शहर को उन्होंने अपनाया था, वहां विरोध किया गया।”
यह मैच शाहरुख के लिए बहुत खास था, क्योंकि वह मुंबई में रहते हुए भी अपनी टीम की जीत चाहते थे। लेकिन उस मैच में हार के बाद वह बहुत उदास हो गए थे और उन्होंने अपनी टीम से विनम्र निवेदन किया था कि “मुंबई में, वे मुझे राजा कहते हैं, मैं कभी आप लोगों से कुछ नहीं मांगा, कृपया मेरे लिए यह मैच जीतें।”
Shahrukh Khan का संघर्ष और टीम की हार
Shahrukh Khan ने अपनी टीम से उम्मीद की थी कि वे उस मैच को जीतेंगे, लेकिन इसके बावजूद टीम हार गई। इसके बाद शाहरुख ने कहा, “मुझे विश्वास है कि मैं हमेशा अपने दर्शकों को खुश करता हूं, लेकिन इस बार मुझे लगा कि क्या हम उन्हें निराश कर रहे हैं?” यह सवाल शाहरुख के लिए बेहद दुखद था, क्योंकि वह हमेशा अपने फैंस को खुश रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस मैच में उनकी टीम ने उनका विश्वास तोड़ा।