59 वर्षीय Ashish Vidyarthi ने अपने करियर में अभिनय से लेकर व्लॉगिंग, प्रेरक भाषण, स्टैंड-अप कॉमेडी और गायन तक के नए-नए रास्तों को अपनाया है। तीन दशकों से ज़्यादा के अपने करियर में उन्होंने लगभग 11 भाषाओं में फिल्मों में अभिनय किया है। उनके जीवन का यह सफर दर्शाता है कि कभी भी कुछ नया शुरू करने में देर नहीं होती और हर दिन एक नया अवसर लेकर आता है।
व्लॉगिंग और स्टैंड-अप कॉमेडी: नए रास्ते तलाशने की प्रेरणा
Ashish Vidyarthi का मानना है कि जीवन एक निरंतर विकसित होने वाला कैनवास है और इसे जितना हो सके रंगों से भरना चाहिए। अभिनय उनका पहला प्यार था, लेकिन समय के साथ उन्होंने व्लॉगिंग, प्रेरक भाषण, स्टैंड-अप कॉमेडी और गायन जैसे नए माध्यमों को भी अपनाया। इन सभी रास्तों ने उन्हें अपनी व्यक्तित्व को और भी विस्तार से प्रस्तुत करने का अवसर दिया है। उनका दर्शन साफ है, “जब तक है सांस, करूंगा कुछ खास।” इस भावना के साथ, वे चाहते हैं कि लोग भी खुद को अपने हर पहलू में पहचानें और उसे पूरी तरह से जीने की कोशिश करें।
दूसरी शादी और ट्रोलिंग का सामना: आशीष का मजबूत जवाब
पिछले कुछ समय में Ashish Vidyarthi को अपनी दूसरी शादी के बाद ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। उन्होंने इस बारे में खुलकर कहा कि, “लोगों की राय मेरे जीवन को परिभाषित नहीं करती।” समाज में अक्सर हमें आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन आशीष का मानना है कि असली खुशी तभी मिलती है जब आप अपने रास्ते पर चलते हैं और समाज की अपेक्षाओं से परे जाकर अपनी ज़िंदगी को प्रामाणिक रूप से जीते हैं। उनकी दूसरी पत्नी रूपाली बरुआ के साथ उनका रिश्ता अब एक मजबूत और खुशहाल साझेदारी में बदल चुका है, जो आपसी सम्मान और रोमांच पर आधारित है।
स्टैंड-अप कॉमेडी: ट्रोलिंग से हंसी तक का सफर
Ashish Vidyarthi ने अपनी दूसरी शादी के बाद स्टैंड-अप कॉमेडी में कदम रखा। यह उनके जीवन के कुछ चुनौतीपूर्ण क्षणों को समझने और उन पर हंसने का तरीका बन गया। ट्रोलिंग जैसे नकारात्मक अनुभवों को उन्होंने अपनी कॉमेडी का हिस्सा बनाया और दर्शकों से एक नए तरीके से जुड़ने का प्रयास किया। स्टैंड-अप कॉमेडी उनके लिए सिर्फ एक मजाक नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों को साझा करने और दूसरों को प्रेरित करने का एक माध्यम बन गया।
गायन: 59 साल की उम्र में नया कदम
गायन हमेशा से Ashish Vidyarthi के दिल के करीब रहा है, हालांकि वे प्रशिक्षित गायक नहीं हैं। 59 साल की उम्र में गायन की शुरुआत करना उनके लिए एक साहसिक कदम था, लेकिन उनका मानना है कि खुद को व्यक्त करने के लिए आपको परिपूर्ण होने की आवश्यकता नहीं होती। उनका संगीत एक ध्यानपूर्ण अनुभव है, जो उन्हें वर्तमान में जीने और शांति पाने का मौका देता है। हैंडपैन बजाना उनके लिए एक तरह का ध्यान है, और इसे साझा करना उनके आत्मा के एक हिस्से को दुनिया से जोड़ने जैसा है।
जीवन के सिख: कोई भी उम्र हो, कुछ नया शुरू करने में कभी देर नहीं होती
Ashish Vidyarthi का कहना है कि जीवन में कभी भी डर या सामाजिक दबावों के कारण कुछ नया करने में देर नहीं होती। चाहे आप 20 साल के हों या 60 साल के, हर समय कुछ खास करने का अवसर मिलता है। उनका यह संदेश है कि अपने सपनों का पीछा करें और जीवन को खुलकर जीएं। आशीष का अनुभव दर्शाता है कि हर किसी के पास अपने जीवन के हर पहलू को एक्सप्लोर करने का मौका है और इसके लिए कोई सही समय नहीं होता।
अभिनय से नए रास्तों की ओर
Ashish Vidyarthi ने अब तक 11 भाषाओं में अभिनय किया है और कई तरह की भूमिकाओं में खुद को साबित किया है। उनका यह सफर अब तक बहुत ही रोमांचक रहा है, और वे आगे भी नए प्रोजेक्ट्स में अपने हुनर को दिखाने के लिए तैयार हैं। उनकी यात्रा कभी खत्म नहीं होती, और वह हमेशा नई चीजें सीखने और करने के लिए तैयार रहते हैं।