8000 रुपये किलो बिकने वाले Makhana को लेकर सरकार का नया प्लान!

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नई दिल्ली, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025 पेश करते हुए बिहार के किसानों के लिए एक खास घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य में विशेष Makhana बोर्ड (Makhana Board) स्थापित किया जाएगा, जिससे Makhana उत्पादन, विपणन और मूल्यवर्धन (Value Addition) को बढ़ावा मिलेगा। इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य किसानों को संगठित करना और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाना होगा।

क्या है Makhana और क्यों है यह इतना खास?

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Makhana, जिसे अंग्रेजी में Fox Nuts कहा जाता है, कांटेदार वॉटर लिली (Euryale Fox) के बीजों से प्राप्त होता है। यह खासतौर पर बिहार के मिथिला क्षेत्र में उगाया जाता है, जहां इसका उत्पादन लगभग 15,000 हेक्टेयर भूमि पर होता है। Makhana पोषण से भरपूर होता है और यह कम कैलोरी, एंटीऑक्सीडेंट, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस से समृद्ध होता है। यह हृदय स्वास्थ्य, मधुमेह नियंत्रण और वजन प्रबंधन में मददगार माना जाता है।

कैसे निकाला और प्रोसेस किया जाता है Makhana?

Makhana उत्पादन की प्रक्रिया काफी कठिन होती है। किसानों को इसके बीज निकालने के लिए गंदे पानी में घंटों काम करना पड़ता है। फिर इन बीजों को सूखाया जाता है और उच्च तापमान पर प्रोसेस करके Makhana के रूप में बेचा जाता है। Makhana किसानों की मेहनत और संसाधनों की कमी को देखते हुए सरकार ने इसे एक संगठित उद्योग बनाने का फैसला किया है।

बिहार में मखाने की खेती और बढ़ती मांग

बिहार भारत में 90% मखाने का उत्पादन करता है। वर्तमान में बिहार हर साल करीब 10,000 टन मखाना पैदा करता है। IMARC रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत का मखाना बाजार 7.8 बिलियन रुपये का था और यह 2032 तक 18.9 बिलियन रुपये तक पहुंच सकता है। यानी, मखाना उद्योग में जबरदस्त वृद्धि की संभावना है।

मखाने की बढ़ती कीमतें और जीआई टैग

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अप्रैल 2022 में बिहार के ‘मिथिला मखाना’ को जीआई (Geographical Indication) टैग मिला, जिससे इसकी मांग और कीमतें बढ़ गईं। 10 साल पहले 1000 रुपये प्रति किलो बिकने वाला मखाना अब 8000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। इससे बिहार के 5 लाख से अधिक परिवारों को रोज़गार मिला है।

बिहार चुनाव 2025 और Makhana बोर्ड की टाइमिंग

विशेष Makhana बोर्ड की घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब बिहार में नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यह संभव है कि सरकार किसानों को खुश करने के लिए इस योजना को चुनाव से पहले अमल में लाए।

निखिल कामथ भी मखाने के फैन!

ज़ेरोधा के सह-संस्थापक और बिजनेसमैन निखिल कामथ ने हाल ही में लिंक्डइन पर बताया कि वे मखाने के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत से एक बड़ा ब्रांड निकल सकता है, जो दुनिया भर में मखाने का निर्यात कर सकता है।

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