खेतों से ISRO तक: किसान के बेटे की संघर्ष भरी सफलता की कहानी!
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के डोहरी गांव के बलदाऊ सिंह ने वह कर दिखाया, जो कई युवाओं का सपना होता है। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे बलदाऊ ने अपनी मेहनत और लगन से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में ग्रुप सी असिस्टेंट पद पर चयनित होकर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया।
संघर्षों से भरा रहा सफर
Sponsored Ad
बलदाऊ सिंह के पिता एक छोटे किसान हैं और माता मनावती देवी गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले बलदाऊ ने हाईस्कूल की परीक्षा यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल, बबुरी से उत्तीर्ण की और इंटरमीडिएट की पढ़ाई तुलसी विद्या निकेतन से की। इसके बाद उन्होंने अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद से बीटेक और आईआईटी धनबाद से एमटेक की डिग्री प्राप्त की।
दिल्ली में की कड़ी मेहनत
ISRO में चयनित होने के लिए बलदाऊ ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने दिल्ली में रहकर अपनी तैयारी को मजबूत किया। यह परीक्षा 2022 में आयोजित हुई थी, और 20 सितंबर 2024 को उनका साक्षात्कार लिया गया था। 19 फरवरी 2025 को घोषित हुए परिणाम में उन्होंने सफलता प्राप्त की और यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
गांव में खुशी की लहर
बलदाऊ सिंह की इस उपलब्धि से उनके गांव डोहरी में जश्न का माहौल है। पूरे क्षेत्र में गर्व की लहर दौड़ गई है। ब्लॉक प्रमुख मंजू सिंह, ग्राम प्रधान अमरनाथ सिंह, आनंद सिंह बंटू, राकेश सिंह, अखिलेश सिंह, आनंद पटेल, अनिल सिंह और सुनील कुमार सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने बलदाऊ को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
युवाओं के लिए प्रेरणा
बलदाऊ सिंह की सफलता उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। अब बलदाऊ ISRO में अपने ज्ञान और प्रतिभा से देश की सेवा करेंगे और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।