‘मिर्जापुर’ का महिला वर्जन? जानिए Dabba Cartel की सच्चाई

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नई दिल्ली, ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज़ हुई वेब सीरीज Dabba Cartel ने दर्शकों के बीच काफी चर्चा बटोरी है। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित यह पहली नेटफ्लिक्स फिक्शन सीरीज है। यह कहानी कुछ महिलाओं के जीवन पर आधारित है, जो अलग-अलग परिस्थितियों में फंसकर एक खतरनाक नशा कारोबार का हिस्सा बन जाती हैं।

क्या यह ‘ब्रेकिंग बैड’ से प्रेरित है?

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अगर आपने ‘ब्रेकिंग बैड’ देखी है, तो आपको इस सीरीज में भी कुछ वैसा ही फील आएगा। फर्क सिर्फ इतना है कि जहां ‘ब्रेकिंग बैड’ में एक केमिस्ट्री टीचर अपने हालातों के कारण ड्रग कारोबार में उतरता है, वहीं Dabba Cartel में महिलाएं मजबूरी और एडवेंचर के चलते नशे के धंधे में फंसती चली जाती हैं।

मुंबई के डिब्बा वालों से कोई संबंध नहीं

सीरीज का नाम Dabba Cartel सुनकर पहले ऐसा लगता है कि यह मुंबई के मशहूर डिब्बा सप्लाई सिस्टम से जुड़ी होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। मुंबई के डिब्बा वालों की छवि को सुरक्षित रखते हुए, कहानी उनसे अलग रखी गई है।

सशक्त महिला किरदारों की कहानी

इस सीरीज में मुख्य भूमिकाएं शबाना आजमी, शालिनी पांडे, निमिषा सजायन, अनिता आनंद और साई तम्हणकर ने निभाई हैं। खासतौर पर शबाना आजमी और शालिनी पांडे की सास-बहू की जोड़ी देखने लायक है। यह कहानी दिखाती है कि कैसे ये महिलाएं नशे की दुनिया में कदम रखती हैं और फिर उससे बाहर निकलने के लिए संघर्ष करती हैं।

सीरीज का कमजोर स्क्रीनप्ले और निर्देशन

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हालांकि, इस सीरीज की कहानी रोचक है, लेकिन इसका स्क्रीनप्ले और निर्देशन इसे ज्यादा प्रभावी नहीं बना पाता। पहले चार एपिसोड तक कहानी धीमी चलती है, और जब तक रोमांच आता है, दर्शकों का ध्यान भटक चुका होता है।

गजराज राव का शानदार अभिनय

अगर इस सीरीज में किसी चीज़ की सबसे ज्यादा तारीफ की जानी चाहिए, तो वह है गजराज राव का दमदार अभिनय। वह एक पुलिस अधिकारी के रूप में पूरी कहानी को अपने कंधों पर संभालते नजर आते हैं। उनकी एक्टिंग देखकर यकीन होता है कि वेब सीरीज में दमदार किरदारों की कितनी अहमियत होती है।

क्या ‘Dabba Cartel’ ‘मिर्जापुर’ की महिला वर्जन है?

कई दर्शकों का मानना है कि Dabba Cartel, एक्सेल एंटरटेनमेंट की लोकप्रिय सीरीज ‘मिर्जापुर’ का फीमेल वर्जन है। हालांकि, इसमें कालीन भैया जैसी पावरफुल उपस्थिति नहीं दिखती। साथ ही, किरदारों की गहराई भी वैसी नहीं है जैसी ‘मिर्जापुर’ में देखने को मिली थी।

देखें या ना देखें?

अगर आप क्राइम, ड्रग्स और अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कहानियों में दिलचस्पी रखते हैं, तो आप ‘डब्बा कार्टेल’ को एक बार देख सकते हैं। हालांकि, बेहतर स्क्रीनप्ले और निर्देशन के अभाव में यह सीरीज ज्यादा असर नहीं छोड़ पाती।

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