क्या Bhavish Aggarwal ने अपनाई एलोन मस्क की रणनीति? जानें नया नियम!
नई दिल्ली, ओला के संस्थापक और सीईओ Bhavish Aggarwal ने कंपनी में एक नई कार्य नीति लागू की है, जिसका नाम ‘क्या चल रहा है?’ रखा गया है। इस नीति के तहत, सभी कर्मचारियों को हर हफ्ते अपने काम का विवरण देना होगा। कर्मचारियों को 3 से 5 बुलेट पॉइंट्स में अपनी साप्ताहिक उपलब्धियों को ईमेल के जरिए प्रबंधकों और कंपनी के निर्दिष्ट ईमेल पर भेजना अनिवार्य होगा।
Bhavish Aggarwal ने इस पहल को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनके अनुसार, इस प्रणाली से कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद स्थापित होगा और कंपनी की कार्यक्षमता में सुधार होगा।
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कर्मचारियों के लिए अनिवार्य हुआ वर्क अपडेट ईमेल
इस नई नीति के तहत, ओला कर्मचारियों को हर हफ्ते एक ईमेल Kyachalrahahai@olagroup.in पर भेजना होगा, जो विशेष रूप से इस पहल के लिए बनाया गया है। यह ईमेल आईडी घोषणा के एक घंटे के भीतर सक्रिय कर दी गई थी।
Bhavish Aggarwal ने कर्मचारियों को लिखे एक आंतरिक ज्ञापन में कहा,
“आज से हम ‘क्या चल रहा है?’ पहल शुरू कर रहे हैं। यह एक सरल तरीका है जिससे आप मेरे और अपने प्रबंधकों के साथ सीधे अपने साप्ताहिक अपडेट साझा कर सकते हैं।”
ओला में छंटनी की आशंका! क्या यह नीति किसी बड़े बदलाव का संकेत है?
इस नीति को ओला में चल रहे बड़े बदलावों और लागत-कटौती के उपायों से जोड़ा जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक 1,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रही है।
इस छंटनी से खरीद, ग्राहक सेवा, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग प्रभावित हो सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी अपने खर्चों को कम करने और मुनाफे में सुधार करने के लिए यह कदम उठा रही है।
एलोन मस्क की नकल कर रहे हैं भाविश अग्रवाल?
Bhavish Aggarwal की यह रणनीति एलोन मस्क की कार्यशैली से मेल खाती है। हाल ही में मस्क ने अमेरिकी संघीय कर्मचारियों को भी साप्ताहिक कार्य रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।
एलोन मस्क का उद्देश्य दक्षता बढ़ाना और नौकरशाही की देरी को कम करना था, लेकिन उनकी नीति की आलोचना भी हुई क्योंकि इससे कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ सकता है।
Bhavish Aggarwal इससे पहले भी ओला में कर्मचारियों की उपस्थिति और परफॉर्मेंस को लेकर सख्त नियम लागू कर चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने कम उपस्थिति वाले कर्मचारियों को ईमेल भेजकर चेतावनी दी थी।
क्या कर्मचारियों पर बढ़ेगा दबाव?
हालांकि, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए यह कदम सही हो सकता है, लेकिन कई लोग इसे कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव डालने वाला कदम भी मान सकते हैं।
अगर ओला में छंटनी की प्रक्रिया जारी रही, तो यह नई नीति कर्मचारियों के लिए और अधिक चिंता का कारण बन सकती है। अब देखना यह होगा कि ‘क्या चल रहा है?’ पहल ओला के कामकाज को कितना प्रभावित करती है और कर्मचारी इसे कैसे अपनाते हैं।
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