Mahakumbh में श्रद्धालुओं को मिला स्वर्ग का अनुभव, जानें पूरी कहानी।
नई दिल्ली, 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज में Mahakumbh का पहला स्नान करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और पवित्रता का अद्वितीय अनुभव लेकर आया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना की। प्रशासन द्वारा घाटों पर शानदार व्यवस्थाएं की गईं, जिससे स्नान का यह अवसर और भी विशेष बन गया।
1.70 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति
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Mahakumbh के पहले दिन करीब 1 करोड़ 70 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। यह संख्या इस आयोजन की भव्यता और श्रद्धालुओं की गहरी आस्था को दर्शाती है। घाटों पर भीड़ होने के बावजूद, प्रशासन ने सुविधाओं का बेहतरीन प्रबंधन किया, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
संगम घाटों पर कांस का उपयोग: टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल
घाटों पर एक खास चीज़ ने श्रद्धालुओं का ध्यान खींचा—कांस की चादर। राजस्थान के नागौर जिले से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि उनके क्षेत्र में भी इसे कांस ही कहा जाता है।
कांस की विशेषताएँ:
- यह टिकाऊ और हल्की होती है।
- इसे गंगा और यमुना के कछारी क्षेत्रों से लाया गया है।
- सूखने के बाद इसे 10 फीट लंबी घास के रूप में काटकर बिछाया जाता है।
- यह सड़ती नहीं और श्रद्धालुओं के बैठने, कपड़े बदलने और आराम करने के लिए उपयोगी है।
कांस का पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व
भारतीय परंपराओं में कांस का उपयोग इसकी स्थायित्व और प्राकृतिक गुणों के लिए सदियों से होता आया है। महाकुंभ में इसका उपयोग एक ओर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, तो दूसरी ओर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखता है।
10.5 किलोमीटर लंबे घाट का निर्माण
Mahakumbh 2025 के लिए प्रयागराज प्रशासन ने 10.5 किलोमीटर लंबे घाट का निर्माण किया है। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाया गया है।
- स्नान के लिए अलग-अलग क्षेत्र बनाए गए हैं।
- कपड़े बदलने और आराम करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- घाटों पर सफाई और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है।
श्रद्धालुओं की अनुभवजनित आस्था
राजस्थान के नागौर से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि संगम में स्नान का अनुभव दिव्यता से भरा हुआ था। उन्होंने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की और इसे स्वर्गीय अनुभव बताया।
Mahakumbh: आने वाले दिनों में बढ़ेगी भव्यता
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Mahakumbh 2025 के पहले स्नान ने श्रद्धालुओं की गहरी आस्था को पवित्र संगम से जोड़ दिया। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन की कोशिशें काबिले तारीफ हैं।