Deva Review: हर पल में ट्विस्ट, शाहिद कपूर का नया अवतार!

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Deva Review: नई दिल्ली, शाहिद कपूर की फिल्म ‘देवा’ में वह एक दमदार और जख्मी पुलिसकर्मी के रूप में नजर आ रहे हैं, जिसका मानसिक स्थिति गंभीर है। इस फिल्म का कथानक एक थ्रिलर के रूप में उभरता है, जिसमें शाहिद का अभिनय शानदार तरीके से दर्शाया गया है। फिल्म का निर्देशन रोशन एंड्रयूज ने किया है, जिन्होंने अपनी मलयालम फिल्म ‘मुंबई पुलिस’ को हिंदी में ढालकर इस कहानी को और भी दिलचस्प बना दिया है। शाहिद कपूर का किरदार देव अम्ब्रे, एक पुलिसकर्मी है, जिसे एक गंभीर दुर्घटना के बाद स्मृति दोष का सामना करना पड़ता है।

फिल्म की कहानी: याददाश्त की कमी और आंतरिक संघर्ष

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देवा की कहानी दो हिस्सों में बंटी हुई है: एक स्मृतिलोप से पहले और एक स्मृतिलोप के बाद। दुर्घटना के कारण देव की याददाश्त कमजोर हो जाती है, लेकिन वह फिर से अपने जीवन को संजीवित करने की कोशिश करता है। देव का मानसिक संघर्ष और उसकी आंतरिक उलझन फिल्म की मुख्य धारा है। कहानी में हमें यह भी देखने को मिलता है कि देव की पुरानी यादें उसे मानसिक रूप से परेशान करती हैं, जबकि वह मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़ी गहरी और हिंसक दुनिया में घिरा हुआ है।

मनोवैज्ञानिक और एक्शन तत्वों का संगम

फिल्म में एक्शन और मनोवैज्ञानिक तत्वों का बेहतरीन मिश्रण है। देव अम्ब्रे के किरदार को बारीकी से पेश किया गया है, जो अपनी खोई हुई यादों के साथ अंडरवर्ल्ड अपराधियों से लड़ने की कोशिश करता है। उसकी एक्शन सीन और मानसिक दबाव को दिखाते हुए फिल्म को पूरी तरह से जीवंत बना दिया गया है। फिल्म में एक तरफ़ जहां कच्चे और उग्र एक्शन दृश्यों की भरमार है, वहीं दूसरी तरफ़ मानसिक उलझन और संकट के सीन भी दर्शकों को आकर्षित करते हैं।

मूल कहानी में बदलाव और ट्विस्ट

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‘देवा’ को लेकर एक प्रमुख बदलाव यह है कि यह फिल्म एक पूर्व मलयालम फिल्म ‘मुंबई पुलिस’ का रीमेक है, लेकिन इसमें काफी बदलाव किए गए हैं। इसमें एक्शन से लेकर कहानी के कई मोड़ों तक का संशोधन किया गया है, जिससे यह फिल्म अधिक रोमांचक और दर्शकों को लुभाने वाली बन गई है। फिल्म में देव के साथ उसके कुछ अच्छे दोस्त भी हैं, जैसे फरहान खान और रोहन डी’सिल्वा, जो उसकी जिंदादिली और जुझारू आत्मा के साथ खड़े रहते हैं।

किस तरह के मोड़ और ट्विस्ट हैं फिल्म में?

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फिल्म का एक और दिलचस्प पहलू इसके कई ट्विस्ट और मोड़ों में निहित है। देव के पास पहले अपनी पुरानी यादों की रिकवरी करने का समय नहीं होता, लेकिन जब वह अंडरवर्ल्ड के अपराधियों का सामना करता है, तो वह खुद को नए तरीके से ढालता है। फिल्म के अंत तक, जब एक महत्वपूर्ण मोड़ सामने आता है, तब देव की कहानी एक नई दिशा में मोड़ लेती है, और यह मोड़ दर्शकों को एक नई खोज में लगाकर चौंका देता है।

शाहिद कपूर का शानदार प्रदर्शन

देवा में शाहिद कपूर का अभिनय पूरी तरह से काबिले तारीफ है। वह इस फिल्म के केंद्र में हैं, और उनका किरदार एक जख्मी पुलिसकर्मी से लेकर एक दबंग और मानसिक रूप से टूटे हुए इंसान तक का सफर तय करता है। फिल्म का सिनेमैटोग्राफी, संपादन, और पृष्ठभूमि संगीत भी फिल्म के पूरे अनुभव को बेहतर बनाता है। यह फिल्म न केवल शाहिद कपूर के फैंस के लिए बल्कि थ्रिलर और एक्शन पसंद करने वालों के लिए भी एक बेहतरीन देखने का अनुभव है।

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