DeepSeek Banned: AI टूल्स से खतरा! सरकार ने ChatGPT और DeepSeek पर लगाई रोक

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DeepSeek Banned: नई दिल्ली, भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अब कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने ऑफिस के कंप्यूटर, लैपटॉप, या अन्य आधिकारिक डिवाइस पर ChatGPT, DeepSeek जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स का उपयोग नहीं कर सकेगा। यह आदेश 29 जनवरी 2025 को जारी किया गया और इसका मुख्य कारण डेटा सुरक्षा बताया गया है। सरकार का मानना है कि AI टूल्स से संवेदनशील सरकारी जानकारी के लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। आइए जानते हैं इस फैसले की पूरी जानकारी आसान भाषा में।

AI टूल्स पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?

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AI टूल्स, खासकर ChatGPT और DeepSeek, को लेकर दुनियाभर में डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। AI टूल्स पर बैन लगाने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  1. डेटा लीक होने का खतरा
    AI टूल्स का इस्तेमाल करते समय डाली गई जानकारी क्लाउड सर्वर पर स्टोर हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी संवेदनशील सरकारी डेटा बाहरी कंपनियों तक पहुंच सकता है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
  2. विदेशी कंपनियों का नियंत्रण
    ChatGPT जैसे टूल्स का मालिकाना हक OpenAI जैसी विदेशी कंपनियों के पास है। इससे सरकार के पास इन टूल्स द्वारा किए जाने वाले डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज पर कोई नियंत्रण नहीं रहता।
  3. साइबर हमलों का बढ़ता खतरा
    अगर सरकारी कर्मचारी किसी AI टूल का उपयोग करते हैं और उसमें महत्वपूर्ण जानकारियां डालते हैं, तो साइबर अपराधी इसका फायदा उठा सकते हैं। इससे हैकिंग, फिशिंग अटैक और डेटा ब्रीच जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
  4. भारत के डेटा प्रोटेक्शन कानून के खिलाफ
    सरकार ने हाल ही में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट, 2023 लागू किया है, जिसके तहत किसी भी भारतीय का डेटा बिना इजाजत के बाहर नहीं भेजा जा सकता। AI टूल्स इस कानून का उल्लंघन कर सकते हैं।

किन सरकारी विभागों को मिला आदेश?

इस आदेश के तहत वित्त मंत्रालय के सभी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को AI टूल्स के इस्तेमाल से रोकें। ये विभाग हैं:
राजस्व विभाग
आर्थिक मामलों का विभाग
व्यय विभाग
सार्वजनिक उद्यम विभाग
DIPAM (निजीकरण विभाग)
वित्तीय सेवा विभाग

सभी सरकारी कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने ऑफिस के कंप्यूटर पर AI टूल्स डाउनलोड या उपयोग न करें।

निजी उपकरणों पर इस्तेमाल की अनुमति है या नहीं?

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सरकारी आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कर्मचारी अपने निजी मोबाइल या लैपटॉप पर ChatGPT का उपयोग कर सकते हैं या नहीं। लेकिन सरकारी कामकाज के लिए AI टूल्स का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

क्या AI टूल्स पूरी तरह से बेकार हैं?

नहीं, AI टूल्स कई कामों में मददगार साबित हो सकते हैं। इनका सही इस्तेमाल डेटा विश्लेषण, रिसर्च और ऑटोमेशन के लिए किया जा सकता है। लेकिन सरकारी तंत्र में गोपनीय डेटा की सुरक्षा सबसे अहम होती है, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

भविष्य में सरकार क्या कर सकती है?

संभावना है कि सरकार AI टूल्स के उपयोग को लेकर एक स्पष्ट नीति बनाएगी। इसमें यह तय किया जा सकता है कि किन AI टूल्स को सरकारी कामों में सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है और किन्हें बैन किया जाना चाहिए।

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