Pataudi Palace: नई दिल्ली, बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और उनके परिवार को 15,000 करोड़ रुपये की पैतृक संपत्तियों को खोने का खतरा है। यह मामला शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत आता है। हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन संपत्तियों पर लगी रोक को हटा दिया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है।
शत्रु संपत्ति अधिनियम का उपयोग विभाजन के दौरान पाकिस्तान जाने वाले लोगों की संपत्तियों को जब्त करने के लिए किया जाता है। यह समस्या तब शुरू हुई जब भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी पाकिस्तान चली गई, जबकि सैफ की दादी साजिदा सुल्तान भारत में रहीं।
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प्रभावित संपत्तियां और उनका ऐतिहासिक महत्व
सैफ अली खान की प्रभावित संपत्तियों में फ़्लैग स्टाफ़ हाउस, नूर-उस-सबा पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफ़िज़ा प्रॉपर्टी शामिल हैं। ये संपत्तियां ऐतिहासिक महत्व रखती हैं और भोपाल के नवाबों की वंशावली से जुड़ी हैं।
Pataudi Palace का इतिहास और महत्व
Pataudi Palace सैफ अली खान के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह महल गर्मियों के घर के रूप में उपयोग किया जाता है और फिल्मों की शूटिंग के लिए भी किराए पर दिया जाता है। सैफ ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि उनके पिता ने इसे एक होटल चेन को पट्टे पर दिया था। सैफ ने इसे पुनः प्राप्त किया और इसे वापस खरीदने की अफवाहों को खारिज कर दिया।
सोहा अली खान ने इस महल के निर्माण का इतिहास साझा किया। उनके अनुसार, उनके दादा ने 1935 में इसे अपनी सास को प्रभावित करने के लिए बनवाया था। वित्तीय बाधाओं के कारण, महल के कुछ हिस्से अधूरे रह गए थे।
शर्मिला टैगोर का वित्तीय प्रबंधन
सैफ की माँ शर्मिला टैगोर महल के वित्त का बारीकी से प्रबंधन करती हैं। सोहा ने बताया कि कैसे उनके माता-पिता साज-सज्जा पर अत्यधिक खर्च करने के बजाय महल की वास्तुकला और इतिहास को प्राथमिकता देते हैं।
कानूनी विवाद और भविष्य की चुनौतियां
संपत्तियों पर खतरे ने पटौदी परिवार को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। सैफ और उनका परिवार इन संपत्तियों का इस्तेमाल अपने जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में करते आए हैं। अब उन्हें अपने कदम सावधानीपूर्वक तय करने होंगे।
सैफ की वर्तमान स्थिति
हाल ही में सैफ अली खान चाकू से हमले के कारण चर्चा में आए थे। उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, और वह अब ठीक हो रहे हैं।