Bill Gates की सबसे बड़ी गलती, जो बदल सकती थी टेक्नोलॉजी की दुनिया!
नई दिल्ली, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ Bill Gates ने हाल ही में अपनी सबसे बड़ी गलती का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट का स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम मार्केट में समय पर कदम न रखना कंपनी के लिए लगभग 400 बिलियन डॉलर का नुकसान साबित हुआ। गेट्स ने इसे “जीतने का हमारा काम था” कहते हुए स्वीकार किया।
एंड्रॉयड का उभार और माइक्रोसॉफ्ट की देरी
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एप्पल ने 2007 में iPhone लॉन्च करके स्मार्टफोन बाजार में क्रांति ला दी। इसके तुरंत बाद, 2008 में गूगल ने अपना एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया। इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट ने 2010 में विंडोज फोन के जरिए इस बाजार में कदम रखा। लेकिन तब तक एंड्रॉयड और iOS ने बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी।
विंडोज फोन ने नोकिया लूमिया सीरीज़ के जरिए पहचान बनाने की कोशिश की, लेकिन वह iOS और एंड्रॉयड के बड़े ऐप इकोसिस्टम के साथ मुकाबला करने में असफल रहा। डेवलपर्स का समर्थन हासिल न कर पाना और उपयोगकर्ताओं के लिए सीमित ऐप विकल्प इसका सबसे बड़ा कारण बना।
“सॉफ्टवेयर की दुनिया विजेता-ले-ऑल है”
Bill Gates ने विलेज ग्लोबल इवेंट में बताया कि सॉफ्टवेयर की दुनिया में प्लेटफॉर्म्स का बड़ा महत्व है। उन्होंने स्वीकार किया कि माइक्रोसॉफ्ट ने सही समय पर निर्णायक कदम नहीं उठाया, जिससे गूगल का एंड्रॉयड गैर-एप्पल स्मार्टफोन के लिए सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया।
Bill Gates ने कहा, “यदि आपके पास आधे से कम ऐप्स हैं, तो आप बर्बाद होने की कगार पर हैं।” उनका मानना था कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए इस बाजार में शीर्ष स्थान हासिल करना आसान हो सकता था।
रिच माइनर का तंज
एंड्रॉयड के सह-संस्थापक रिच माइनर ने बिल गेट्स की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि एंड्रॉयड को विशेष रूप से माइक्रोसॉफ्ट को मोबाइल बाजार पर एकाधिकार करने से रोकने के लिए डिजाइन किया गया था। माइनर ने कहा, “मैंने एंड्रॉयड इसलिए बनाया ताकि माइक्रोसॉफ्ट, जैसे उन्होंने पीसी पर किया, वैसा मोबाइल पर न कर सके।”
यह बात Bill Gates की चिंता को और विडंबनापूर्ण बनाती है कि एंड्रॉयड का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना था, जबकि माइक्रोसॉफ्ट अपनी गलतियों पर पछता रहा है।
क्या माइक्रोसॉफ्ट ने सबक सीखा?
आज माइक्रोसॉफ्ट 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक मूल्य वाली कंपनी है। लेकिन मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार में अपने पैर जमाने में असफल रहना इसकी रणनीतिक गलतियों की याद दिलाता है। स्मार्टफोन उद्योग में एंड्रॉयड और iOS के प्रभुत्व ने यह साबित कर दिया कि समय पर उठाए गए सही कदम कैसे किसी कंपनी की सफलता को परिभाषित कर सकते हैं।