नई दिल्ली, भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर Ravichandran Ashwin ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने जून 2010 में श्रीलंका के खिलाफ अपना डेब्यू किया था। साढ़े 14 साल तक भारत की सेवा करने के बाद अश्विन ने ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने करियर को अलविदा कहने की खबर साझा की।
गौतम गंभीर और क्रिकेट जगत ने दी बधाई
Ashwin के संन्यास के बाद क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने उन्हें बधाई दी। भारतीय टीम के मुख्य कोच और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अश्विन को एक प्रेरणा बताते हुए कहा,
“आपको युवा गेंदबाज से आधुनिक क्रिकेट के दिग्गज में बदलते देखना अद्भुत अनुभव था। आने वाली पीढ़ियां आपको देखकर प्रेरणा लेंगी।”
रवि शास्त्री ने अश्विन को बताया ‘अमूल्य संपत्ति’
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी अश्विन के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा,
“Ashwin, शानदार करियर के लिए बधाई। आपके कौशल और शिल्प ने खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आप भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य संपत्ति थे।”
साथी खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं
अजिंक्य रहाणे, जिन्होंने कई मैचों में स्लिप में खड़े होकर Ashwin की गेंदबाजी का आनंद लिया, ने लिखा,
“आपकी गेंदबाजी के साथ स्लिप पर खड़ा होना हर बार एक रोमांचक अनुभव रहा। आपको एक नए अध्याय के लिए शुभकामनाएं।”
दिनेश कार्तिक, जो इस साल की शुरुआत में संन्यास ले चुके हैं, ने अश्विन को “तमिलनाडु का महानतम खिलाड़ी” बताया। वहीं, आईसीसी के नवनियुक्त चेयरमैन जय शाह ने अश्विन को “भारत का सबसे बड़ा मैच विजेता” करार दिया।
रिकॉर्ड और उपलब्धियां
Ashwin का क्रिकेट करियर आंकड़ों के लिहाज से भी बेहद प्रभावशाली रहा। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 537 विकेट लिए, जो उन्हें सातवें सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में शामिल करता है। इसके अलावा, वनडे में 156 और टी20 में 72 विकेट उनके नाम हैं।
भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत
Ashwin के संन्यास के साथ भारतीय क्रिकेट के एक सुनहरे अध्याय का समापन हुआ है। उन्होंने न केवल भारत को कई यादगार जीत दिलाई, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी बने। उनकी जगह भरना भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ी चुनौती होगी।