नई दिल्ली, पॉपुलर बिजनेस रियलिटी शो “शार्क टैंक इंडिया” का सीजन 4 इन दिनों खूब चर्चा में है। इस शो में विभिन्न बिजनेस आइडिया लेकर कंटेस्टेंट्स आते हैं, जिन्हें शार्क जजों के सामने अपनी प्रस्तुति देनी होती है। कुछ कंटेस्टेंट्स तो जजों से निवेश प्राप्त करने में सफल रहते हैं, जबकि कुछ को बिना किसी निवेश के खाली हाथ लौटना पड़ता है। हाल ही में एक एपिसोड में Anupam Mittal का एक बयान खूब वायरल हुआ, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। आइए जानते हैं इस विवाद के बारे में विस्तार से।
विजय निहालचंदानी का ऐप “मेक माई पेमेंट” का प्रदर्शन
शार्क टैंक इंडिया के हालिया एपिसोड में विजय निहालचंदानी अपने ऐप “मेक माई पेमेंट” के साथ पहुंचे। विजय का यह ऐप डिफाल्टर देनदारों को ऑटोमेटेड पेमेंट रिमाइंडर्स भेजने का काम करता है। विजय और उनके परिवार के अन्य सदस्य, जैसे उनकी पत्नी, भाई और बिजनेस पार्टनर, सभी इस एपिसोड में मौजूद थे। विजय ने अपने ऐप की 3 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 30 लाख रुपये की पेशकश की थी।
Anupam Mittal की तीखा प्रतिक्रिया
जब Anupam Mittal ने विजय से उनके प्लेटफॉर्म के यूजर्स की संख्या के बारे में पूछा, तो विजय की पत्नी ने जवाब दिया कि 3500 साइन अप करने वालों में से सिर्फ 200 ही ऐसे थे, जिन्होंने पेमेंट किया था। यह आंकड़ा सुनकर Anupam Mittal हैरान रह गए। उन्होंने बिना कोई झिझक किए कहा, “आप हर महीने 30 हजार रुपये कमा रहे हैं। इससे अच्छा है कि ठेला लगा लो।” Anupam Mittal का यह बयान शो के दर्शकों के बीच वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं।
अन्य जजों की भी निराशाजनक प्रतिक्रिया
Anupam Mittal के अलावा, इस एपिसोड में अन्य शार्क जज भी विजय के बिजनेस आइडिया से प्रभावित नहीं दिखे। नमिता थापर, जो एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं, ने विजय के आइडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को पेमेंट चूकने की आदत हो, तो उसे ऑटोमेटेड वॉयस मैसेज से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह आसानी से नंबर को ब्लॉक कर सकता है या अनदेखा कर सकता है, जिससे इस ऐप का प्रभाव सीमित हो जाएगा।
शार्क टैंक इंडिया का प्रभाव
शार्क टैंक इंडिया न केवल नए बिजनेस आइडिया को प्रमोट करता है, बल्कि यह कंटेस्टेंट्स को अपने आइडिया के सुधार के लिए कड़ी आलोचना भी देता है। इस शो का मकसद प्रतिभागियों को बिजनेस की असलियत और उसकी चुनौतियों से परिचित कराना है। विजय का आइडिया भले ही जजों को प्रभावित न कर सका, लेकिन यह दर्शाता है कि सिर्फ अच्छा आइडिया होना ही काफी नहीं है। उसे सही तरीके से लागू करना और सभी पहलुओं पर विचार करना भी बहुत जरूरी है।
सिर्फ आइडिया ही नहीं, क्रियान्वयन भी महत्वपूर्ण
शार्क टैंक इंडिया में यह स्पष्ट होता है कि अगर आप एक नया बिजनेस आइडिया लाते हैं तो आपको उसे ठीक से समझकर और सही तरीके से लागू करना होगा। आइडिया अच्छा होना चाहिए, लेकिन साथ ही उसमें सुधार और प्रैक्टिकल तरीके से काम करने की क्षमता भी होनी चाहिए। विजय के ऐप में कई संभावनाएं हो सकती हैं, लेकिन जजों के अनुसार, उसकी कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता थी।