Krutidev To Mangal : टाईपिंग कन्वर्ज़न का सबसे आसान तरीका, रियल-टाईम में बदले टेक्स्ट
हिंदी भाषा आज इंटरनेट, मोबाइल और सरकारी कामकाज में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने लगी है। लेकिन जब हम टाइपिंग की बात करते हैं तो दो नाम सबसे ज्यादा सामने आते हैं – Krutidev To Mangal.
बहुत सारे लोग अभी भी Krutidev फॉन्ट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन डिजिटल जमाने में Mangal फॉन्ट की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ गई है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि Krutidev और Mangal फॉन्ट में क्या फर्क है, क्यों बदलना जरूरी है और कैसे आप आसानी से Krutidev To Mangal में कन्वर्ट कर सकते हैं।
Krutidev फॉन्ट क्या है?
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Krutidev एक पुराना देवनागरी फॉन्ट है, जिसे खासतौर पर हिंदी टाइपिंग के लिए बनाया गया था। यह ASCII कैरेक्टर पर आधारित है यानी इसमें हर अक्षर का एक अलग अंग्रेजी कीबोर्ड सिंबल से मिलान होता है।
लंबे समय तक यह फॉन्ट टाइपिंग सेंटर, प्रिंटिंग प्रेस और सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए सबसे ज्यादा काम का रहा। लेकिन इसकी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह Unicode पर आधारित नहीं है।
यानी अगर आपने Krutidev में कुछ लिखा और वह फॉन्ट सामने वाले के मोबाइल या कंप्यूटर पर इंस्टॉल नहीं है तो वह टेक्स्ट स्पेलिंग मिस्टेक करेगा। यही वजह है कि अब Krutidev को धीरे-धीरे छोड़कर Mangal फॉन्ट अपनाया जा रहा है।
Mangal (Unicode) फॉन्ट क्या है?
Mangal एक Unicode आधारित हिंदी फॉन्ट है, जिसे रघुनाथ जोशी ने डिजाइन किया था। यह Windows ऑपरेटिंग सिस्टम में पहले से ही मौजूद रहता है और इसे अलग से इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती।
Mangal फॉन्ट की खासियत यह है कि यह, इंटरनेट, हर प्लेटफॉर्म और हर डिवाइस पर एक जैसा दिखाई देता है। चाहे आप मोबाइल इस्तेमाल करें, लैपटॉप या फिर टैबलेट – टेक्स्ट बिल्कुल सही और साफ दिखेगा। यही कारण है कि अब सरकारी कामकाज और ऑनलाइन फॉर्म भरने में Mangal फॉन्ट अनिवार्य हो गया है।
Krutidev से Mangal में बदलना क्यों जरूरी है?
आज के समय में कृतिदेव से मंगल फॉन्ट में कन्वर्ट करना कई कारणों से जरूरी हो गया है:
- क्रॉस-प्लेटफॉर्म सपोर्ट – Unicode फॉन्ट हर डिवाइस और ब्राउज़र पर चलता है।
- सरकारी नियम – लगभग सभी सरकारी वेबसाइट और पोर्टल अब Unicode (Mangal) फॉन्ट ही स्वीकार करते हैं।
- SEO और इंटरनेट पर खोज – Unicode फॉन्ट में लिखा टेक्स्ट Google और दूसरे सर्च इंजनों पर आसानी से खोजा जा सकता है।
- एक्सेसिबिलिटी – Unicode टेक्स्ट को स्क्रीन रीडर भी पढ़ सकते हैं, जिससे यह सभी के लिए आसान हो जाता है।
Krutidev To Mangal में कन्वर्ज़न कैसे करें?
अगर आप Krutidev to Mangal फॉन्ट में रियलटाइम कन्वर्ज़न करना चाहते हैं तो https://krutidevmangal.com/
आपके लिए सबसे आसान और तेज़ टूल है। इस वेबसाइट पर आपको बस Krutidev टेक्स्ट पेस्ट करना है और तुरंत ही वह Unicode आधारित Mangal फॉन्ट में बदल जाता है। इसका इंटरफेस बहुत सरल है और यह मोबाइल व कंप्यूटर दोनों पर आसानी से काम करता है। खास बात यह है कि यहां कन्वर्ट किया हुआ टेक्स्ट आप सीधे कॉपी करके सरकारी फॉर्म, वर्ड डॉक्यूमेंट या किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
आपको बस Krutidev फॉन्ट में टाईप करना है और टेक्स्ट रियल टाईम, Mangal में Convert हो जाता है। इसके बाद आप इस टेक्स्ट को कॉपी करके Word, Excel, WhatsApp, Gmail या किसी भी सरकारी ऑनलाइन फॉर्म में इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या कन्वर्ज़न हमेशा सही होता है?
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लगभग हर बार कन्वर्ज़न बिल्कुल सही और सटीक होता है। लेकिन अगर टेक्स्ट बहुत पुराना है या उसमें जटिल अक्षर और जोड़ (ligatures) हैं, तो थोड़ी बहुत मैनुअल एडिटिंग करनी पड़ सकती है। फिर भी सामान्य उपयोग के लिए Krutidev to Mangal कन्वर्ज़न काफी अच्छा और भरोसेमंद साबित होता है।
मोबाइल पर भी कन्वर्ट कर सकते हैं
अगर आप सोच रहे हैं कि यह केवल कंप्यूटर पर ही संभव है तो ऐसा नहीं है। Krutidev से Mangal कन्वर्ज़न मोबाइल पर भी आसानी से किया जा सकता है।
Android और iOS दोनों डिवाइस पर ऑनलाइन कन्वर्टर वेबसाइट्स खुलती हैं और वहीं से आप टेक्स्ट को कन्वर्ट करके तुरंत इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या कन्वर्ट किया हुआ टेक्स्ट सुरक्षित है?
हाँ, Mangal फॉन्ट में कन्वर्ट किया गया टेक्स्ट पूरी तरह सुरक्षित है और इसे इंटरनेट, सरकारी दस्तावेज़ों, आवेदन पत्रों या किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लगभग सभी सरकारी विभाग Unicode (Mangal) को ही आधिकारिक फॉन्ट मानते हैं।
क्या Krutidev से Mangal बदलने पर अर्थ बदल जाता है?
नहीं। कन्वर्ज़न सिर्फ फॉन्ट बदलता है, टेक्स्ट का अर्थ या उसका मतलब बिल्कुल वैसा ही रहता है।
यानी अगर आपने Krutidev में “भारत” लिखा है, तो कन्वर्ज़न के बाद भी वह Mangal (Unicode) में “भारत” ही रहेगा।
Mangal से Krutidev में भी बदल सकते हैं
अगर आपको किसी कारण से Unicode से वापस Krutidev में बदलना हो तो उसका भी टूल मौजूद है।
लेकिन सलाह यही दी जाती है कि अब Unicode फॉन्ट यानी Mangal का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यही भविष्य है और हर जगह स्वीकार्य है।
Krutidev फॉन्ट ने एक जमाने में हिंदी टाइपिंग को लोकप्रिय बनाया, लेकिन डिजिटल दौर में Unicode आधारित Mangal फॉन्ट ही सही विकल्प है।
सरकारी कामकाज, ऑनलाइन एप्लिकेशन, इंटरनेट पब्लिशिंग और SEO के लिहाज से Unicode ही जरूरी है।
अगर आपके पास अभी भी पुराने Krutidev फॉन्ट में लिखा हुआ कंटेंट है तो उसे Mangal में कन्वर्ट करना ही सबसे सही कदम है।