Chandan Gupta Kasganj: शर्मनाक घटना के बाद कोर्ट ने सुनाई बड़ी सजा, 28 दोषियों को उम्रभर की सजा
Chandan Gupta Kasganj: नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हुए चंदन गुप्ता हत्याकांड में लखनऊ की एनआईए स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। शुक्रवार को कोर्ट ने सभी 28 दोषियों को उम्रभर की सजा सुनाई है। इस हत्याकांड ने न केवल कासगंज, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा का माहौल बना दिया था। इस मामले में अब तक दो आरोपियों को बरी कर दिया गया था, जबकि बाकी आरोपियों को सजा का ऐलान किया गया है।
कोर्ट द्वारा सजा का ऐलान
कोर्ट ने 28 दोषियों में से 26 को कोर्ट में पेश होने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई। इस दौरान एक दोषी मुनाजिर की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जबकि सलीम नामक आरोपी अदालत में अनुपस्थित रहा, जिसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया। विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा करने और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का दोषी ठहराया। इस हत्याकांड के बाद कासगंज में हिंसा भड़क गई थी, जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
कासगंज हत्याकांड की कहानी
यह हत्याकांड जनवरी 2018 का है, जब कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी। आरोपियों ने जुलूस में शामिल लोगों पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी। मुख्य आरोपी सलीम ने चंदन गुप्ता पर गोली चला दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। चंदन गुप्ता को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना ने कासगंज में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया था और इलाके में काफी हिंसा हुई थी।
सजा पाने वाले दोषियों की सूची
अदालत ने जिन 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, उनमें वसीम जावेद, नसीम जावेद, मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैली उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, नीशू उर्फ जीशान, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, साकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, साकिर, मोहम्मद आमिर रफी, सलीम और मुनाजिर रफी का नाम शामिल है। इसके अलावा, एनआईए कोर्ट ने नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
सांप्रदायिक हिंसा का असर
कासगंज हत्याकांड ने पूरे इलाके में सांप्रदायिक हिंसा की चिंगारी को और भड़का दिया था। चंदन गुप्ता की हत्या के बाद स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए थे और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी बल प्रयोग किया था। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका को लेकर भी कई सवाल उठे थे, लेकिन अब कोर्ट का फैसला इस मामले में न्याय की उम्मीद जगा रहा है।
न्याय की प्रक्रिया और आगे का कदम
अब, जब कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है, तो यह माना जा सकता है कि कासगंज में हुए इस हिंसक कृत्य में न्याय मिला है। हालांकि, इसके बावजूद कुछ लोग अभी भी न्याय की प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं। साथ ही, यह घटना एक चेतावनी है कि समाज में किसी भी प्रकार की हिंसा और असहमति से हमें दूर रहना चाहिए।
सजा से जुड़े अन्य पहलू
एनआईए कोर्ट का यह फैसला एक मिसाल है, जहां सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में कड़ी सजा सुनाई गई। इससे यह संदेश जाता है कि ऐसे मामलों में कानून अपना काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अब उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले से कासगंज में शांति स्थापित हो सकेगी और इलाके में स्थितियों को सामान्य किया जा सकेगा।