Rudhiram: एक थ्रिलर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगा!

0

नई दिल्ली, फिल्में अक्सर दर्शकों को अपने जादू से बांधने का प्रयास करती हैं, लेकिन कुछ फिल्में अपने अनोखे विषयवस्तु और प्रस्तुति से दिलचस्प मोड़ देती हैं। ऐसा ही कुछ है ‘Rudhiram’ के साथ, जो एक थ्रिलर ड्रामा है। यह फिल्म राज बी शेट्टी और अपर्णा बालमुरली के अभिनय से सजी है, जिसमें खामोशी, चीखें, खून और बदला जैसी भावनाओं का शानदार मिश्रण देखने को मिलता है। इस लेख में हम इस फिल्म के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

फिल्म का परिचय और कहानी

Sponsored Ad

‘Rudhiram’ की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जो अपने बचपन के दौरान किए गए गलत कार्यों का बदला लेने की कोशिश करता है। फिल्म में डॉ. मैथ्यू कोशी (राज बी शेट्टी द्वारा अभिनीत) की भूमिका है, जो अपने अतीत से जूझते हुए अपनी हिंसा और बदला लेने की इच्छा को महसूस करता है। अपर्णा बालमुरली ने स्वाति के किरदार को निभाया है, जो एक घने जंगल में एक नई कहानी के साथ लौटती हैं। फिल्म में उनके पास एक प्यारा कुत्ता ‘पीकू’ है, जो अपने अभिनय से दिल छू जाता है।

कहानी की गहराई और तत्व

फिल्म की कहानी में कई थ्रिलिंग तत्व हैं, जो दर्शकों को बांधे रखते हैं। एक दृश्य में स्वाति चूहे को एक बाल्टी के नीचे फंसा देती है, जिसमें कैमरा जूम करके उसकी स्थिति को दिखाता है। इस शॉट को सजाद काक्कू ने शानदार तरीके से कैद किया है, जो फिल्म की मानसिकता और मूड को पूरी तरह से व्यक्त करता है। इसके अलावा, फिल्म में एक मेहनती चूहे का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जो फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है।

निर्देशन और स्क्रीनप्ले

फिल्म के निर्देशन में नवोदित जिशो लोन एंटनी ने कुछ अच्छे प्रयास किए हैं, लेकिन कुछ जगहों पर स्क्रिप्ट कमजोर दिखाई देती है। कभी-कभी फिल्म का स्क्रीनप्ले थोड़ा खींचा हुआ लगता है, जिससे दर्शकों का ध्यान भटक सकता है। खासकर शॉशैंक रिडेम्पशन से प्रेरित एक दृश्य में दादी की कहानी का समावेश दर्शकों को परेशान कर सकता है। इसके अलावा, कुछ दृश्यों में ऐसा महसूस होता है कि फिल्म दर्शकों की समझ को हल्का करने की कोशिश कर रही है।

संगीत और संवाद

म्यूजिक और संवाद भी फिल्म के प्रमुख पहलु हैं। मिधुन मुकुंदन का संगीत फिल्म के लेखन के साथ तालमेल बैठाने में संघर्ष करता है। फिल्म में संवादों का स्तर भी थोड़ा नीचे है, जिससे कई स्थानों पर फिल्म की प्रभावशीलता कम हो जाती है। हालांकि, संगीत की कुछ धुनें थोड़ी बेहतर हो सकती थीं।

समलैंगिकता पर चित्रण

फिल्म में कामुकता को लेकर एक महत्वपूर्ण विषय को उठाया गया है, लेकिन यह चित्रण असंतुलित और द्विआधारी लगता है। यह समलैंगिक समुदाय के खिलाफ मौजूदा रूढ़ियों को और मजबूत कर सकता है, जो एक जोखिम भरी बात है। फिल्म इस मुद्दे को जिस तरीके से पेश करती है, वह दर्शकों को असहज महसूस करवा सकता है।

Read More: Latest Entertainent News

Leave A Reply

Your email address will not be published.