13 साल की Aaradhya Bachchan ने हाईकोर्ट में ठोका केस, जानिए पूरा मामला!

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नई दिल्ली, बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी Aaradhya Bachchan एक बार फिर ऑनलाइन गलत सूचना के शिकार बनी हैं। केवल 13 साल की आराध्या ने अपने बारे में सोशल मीडिया और इंटरनेट पर फैलाई जा रही झूठी और भ्रामक खबरों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

फर्जी खबरें और कानूनी नोटिस

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हाल ही में कुछ वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनलों ने Aaradhya Bachchan की तबीयत को लेकर भ्रामक खबरें फैलाई थीं, जिसके चलते उन्होंने इन अफवाहों को हटाने और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में अदालत ने उनकी याचिका पर संज्ञान लेते हुए गूगल, बॉलीवुड टाइम्स और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को कानूनी नोटिस जारी किया है।

पहले भी हो चुकी है कानूनी कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है जब Aaradhya Bachchan ने फर्जी खबरों के खिलाफ कदम उठाया है। अप्रैल 2023 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गूगल को आदेश दिया था कि वह उन सभी वीडियो और पोस्ट्स को हटाए जिसमें यह झूठा दावा किया गया था कि आराध्या ‘गंभीर रूप से बीमार’ हैं या उनका निधन हो गया है।

उस समय न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने इस तरह की सामग्री पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि किसी भी नाबालिग के स्वास्थ्य को लेकर झूठी अफवाह फैलाना कानूनी रूप से पूरी तरह अस्वीकार्य है।

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बच्चन परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की साजिश?

Aaradhya Bachchan की याचिका में यह भी दावा किया गया है कि कुछ यूट्यूब चैनल जैसे बॉलीवुड टाइम, बॉली पकौड़ा, बॉली समोसा और बॉलीवुड शाइन उनके स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन के बारे में झूठी और अपमानजनक खबरें फैला रहे हैं।

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इस याचिका में इन चैनलों पर मानहानि और च्चन परिवार के नाम और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया कि इन अफवाहों से बच्चन परिवार के नाम पर सेंसेशनलिज़्म और पैसे कमाने की कोशिश की जा रही है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती की जरूरत

Aaradhya Bachchan का यह कदम ऑनलाइन गलत सूचनाओं को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी, जिसमें अदालत आगे की कार्रवाई तय करेगी।

यह घटना यह भी साबित करती है कि डिजिटल मीडिया पर किसी की भी प्राइवेसी और प्रतिष्ठा पर हमला किया जा सकता है। ऐसे में फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त नियमों की जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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