Trump की टैरिफ नीति से TCS से लेकर TataMotors तक भारतीय कंपनियां क्यों परेशान?
नई दिल्ली, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की, जिसके बाद भारतीय कंपनियों के सामने एक बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है। इस नीति के प्रभाव से ना केवल प्रमुख कंपनियां प्रभावित हो रही हैं, बल्कि भारत के निर्यात क्षेत्र में भी हलचल मच गई है। कई क्षेत्रों में शामिल भारतीय कंपनियां जैसे आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, स्टील और एल्युमीनियम उद्योग को खासा नुकसान हो सकता है।
टैरिफ नीति का असर भारतीय कंपनियों पर
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अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ बढ़ोतरी से भारत की प्रमुख कंपनियों जैसे कि टीसीएस, इंफोसिस, TataMotors, सन फार्मा, और सिप्ला जैसी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं। इन कंपनियों को पारस्परिक टैरिफ नीति के तहत कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। टैरिफ वृद्धि के बाद इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर भी असर पड़ा है।
भारतीय आईटी कंपनियों पर टैरिफ का प्रभाव
भारत की आईटी कंपनियां जैसे टीसीएस और इंफोसिस अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं, क्योंकि उनका लगभग 70 प्रतिशत निर्यात अमेरिका से होता है। टैरिफ वृद्धि के कारण इन कंपनियों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह अमेरिकी कंपनियों की आईटी सेवाओं के खर्च को प्रभावित कर सकता है। कोटक सिक्योरिटीज के अनुसार, टैरिफ वृद्धि से मुद्रास्फीति में भी वृद्धि हो सकती है, जो आईटी कंपनियों के लिए अनुकूल नहीं होगा।
ऑटोमोबाइल और फार्मा कंपनियों को नुकसान
TataMotors, जो अमेरिकी बाजार में काफी सक्रिय है, को 25 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह से कार की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है और इससे अमेरिकी कार बाजार में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, भारत की फार्मा कंपनियों जैसे सन फार्मा और सिप्ला को भी टैरिफ वृद्धि के कारण नुकसान हो सकता है, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा फार्मा निर्यात गंतव्य है।
अन्य उद्योगों पर भी प्रभाव
स्टील और एल्युमीनियम उद्योग को भी इस टैरिफ वृद्धि से नुकसान हो सकता है। टाटा स्टील और नेशनल एल्युमीनियम के शेयरों में गिरावट देखी गई है, क्योंकि आने वाले महीनों में इन उद्योगों के मुनाफे पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ क्षेत्र जैसे कपड़ा उद्योग को इस नीति से फायदा हो सकता है। अमेरिका ने भारतीय कपड़ा उत्पादों पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के मुकाबले कम है। इससे भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ सकती है और अमेरिका में भारतीय कपड़े का निर्यात बढ़ सकता है।
उपभोक्ताओं पर असर
इस टैरिफ नीति का उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ सकता है। उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे मांग में कमी आ सकती है। यदि टैरिफ में कोई बदलाव होता है, तो यह भारतीय और अन्य देशों के निर्यात पर भी असर डाल सकता है।