Bar Council Of India: क्या विदेशी नागरिक भी बन सकते हैं भारतीय वकील?
नई दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने Bar Council Of India (BCI) को एक अहम निर्देश दिया है। अदालत ने बीसीआई से कहा है कि वह दक्षिण कोरियाई नागरिक डेयंग जंग को दो दिनों के भीतर वकील के रूप में नामांकित करे। यह आदेश उस अपील के जवाब में आया है, जो बीसीआई ने एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की थी।
अदालत का फैसला और एकल न्यायाधीश का आदेश
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दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता शामिल थे, ने स्पष्ट रूप से कहा कि Bar Council Of India को जंग का नामांकन दो दिनों में पूरा करना चाहिए। इससे पहले, एकल न्यायाधीश ने बीसीआई को निर्देश दिया था कि वह जंग के आवेदन पर कानून के अनुसार कार्रवाई करे। एकल न्यायाधीश के आदेश के बाद जंग को अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) में बैठने की अनुमति दी गई थी, जिसे उन्होंने पास भी किया था।
जंग के एआईबीई परिणाम पर विवाद
जंग के वकील ने अदालत में बताया कि शुरुआत में जंग का एआईबीई परिणाम उत्तीर्ण के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में पोर्टल पर उस परिणाम को रोक दिया गया। इस पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बीसीआई का यह कदम अनुचित था और उसे जंग का नामांकन तुरंत करना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि जब तक कोई स्थगन आदेश न हो, बीसीआई का नामांकन रोकना अवैध है।
जंग का कानूनी अधिकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जंग के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि यदि किसी विदेशी नागरिक के पास भारत में कानूनी डिग्री हो, तो उसे वकील के रूप में नामांकित होने का पूरा अधिकार है। जंग ने भारतीय कानून के तहत नामांकन लेने का आवेदन किया था, और अदालत ने इसे सही ठहराया। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि विदेशी देशों से कानून की डिग्री रखने वाले भारतीय नागरिकों के समान, विदेशी नागरिकों को भी इस अधिकार का लाभ मिलना चाहिए।
Bar Council Of India की भूमिका पर सवाल
अदालत ने यह भी कहा कि Bar Council Of India ने जंग के नामांकन के मामले में जो असंवेदनशीलता दिखाई है, वह बिल्कुल गलत है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जंग के नामांकन में कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए, और उनका नामांकन प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए।
Bar Council Of India की विफलता और आगामी सुनवाई
अदालत ने Bar Council Of India को दो दिनों के भीतर जंग का नामांकन जारी करने का आदेश दिया, और कहा कि इस मामले में कोई भी और विलंब या विफलता न्यायसंगत नहीं होगी। इस मामले पर अगली सुनवाई 28 मार्च, 2025 को होगी।