Surajkund Mela 2025: कला, शिल्प और स्वाद का महाकुंभ ये मौका मत गंवाइए!

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Surajkund Mela 2025: नई दिल्ली, हर साल की तरह इस बार भी सूरजकुंड, फरीदाबाद में Surajkund Mela 2025 का आयोजन होने जा रहा है। यह भव्य मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी, 2025 तक चलेगा और इस बार की थीम राजस्थान होगी। यह 15-दिनों का यह मेला सिर्फ एक व्यापारिक मंच ही नहीं बल्कि कला, संस्कृति, खानपान और मनोरंजन का अद्भुत संगम भी है।

क्या है सूरजकुंड मेला?

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सूरजकुंड मेला भारत का सबसे बड़ा हस्तशिल्प मेला है, जिसे हरियाणा पर्यटन और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण द्वारा केंद्रीय मंत्रालयों के सहयोग से आयोजित किया जाता है। यह मेला दुनियाभर से कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी कला और संस्कृति को प्रदर्शित कर सकते हैं।

Surajkund Mela 2025 की थीम: राजस्थान की झलक

हर साल इस मेले में एक विशेष राज्य को थीम के रूप में चुना जाता है, और इस बार यह सम्मान राजस्थान को मिला है। राजस्थान की अनोखी हस्तशिल्प, पारंपरिक पोशाकें, लोकनृत्य और संगीत इस मेले में खास आकर्षण होंगे। यहां आने वाले दर्शकों को राजस्थान के प्रसिद्ध ब्लू पॉटरी, बंधेज, लहरिया, कठपुतली नृत्य, घूमर और कालबेलिया नृत्य का अनुभव मिलेगा।

क्या है मेले की खास बातें?

  • 1,000 से अधिक स्टॉल: विभिन्न राज्यों के कारीगर अपने अनोखे उत्पाद लेकर आएंगे।
  • लोक नृत्य और संगीत: राजस्थान समेत भारत के अन्य हिस्सों के प्रसिद्ध लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
  • फूड कोर्ट: भारतीय और अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का आनंद उठाने का मौका मिलेगा।
  • हस्तशिल्प और हथकरघा: हर राज्य की अनोखी कला और पारंपरिक वस्त्रों की प्रदर्शनी लगेगी।
  • मनोरंजन और खेल गतिविधियां: परिवार और बच्चों के लिए कई आकर्षक झूले, खेल और रोमांचक गतिविधियां होंगी।

टिकट और समय की जानकारी

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  • समय: रोजाना सुबह 10:30 बजे से रात 8:30 बजे तक।
  • टिकट कीमतें:
    • कार्यदिवस: ₹120
    • सप्ताहांत: ₹180
  • छूट:
    • स्कूल-कॉलेज के छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और सैनिकों को सप्ताह के दिनों में 50% की छूट मिलेगी।
  • टिकट खरीदने के तरीके:
    • ऑनलाइन: डीएमआरसी मोबाइल ऐप से।
    • ऑफलाइन: सभी दिल्ली मेट्रो स्टेशनों और मेला स्थल से।

कैसे पहुंचे सूरजकुंड मेला?

सूरजकुंड, फरीदाबाद में स्थित यह मेला दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

  • निकटतम मेट्रो स्टेशन: बदरपुर बॉर्डर मेट्रो स्टेशन
  • सड़क मार्ग: दिल्ली से लगभग 22 किमी और गुरुग्राम से 35 किमी की दूरी पर।
  • पार्किंग सुविधा: डीएमआरसी कुछ मेट्रो स्टेशनों पर 24/7 पार्किंग सुविधा प्रदान करेगा, ताकि आगंतुक पार्क करके मेला स्थल तक सार्वजनिक परिवहन से आ सकें।

शिल्प और खरीदारी के अलावा क्या है खास?

यह मेला सिर्फ शॉपिंग के लिए नहीं, बल्कि यहां आने वाले खाने-पीने के शौकीनों के लिए भी स्वर्ग जैसा है।

परिवार और दोस्तों के साथ बिताने के लिए एक बेहतरीन जगह, जहां कला, संस्कृति और स्वाद का अनोखा मेल मिलेगा।

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राजस्थानी दाल बाटी चूरमा, पंजाबी कुलचा, दक्षिण भारतीय डोसा, बंगाली मिठाइयाँ जैसे विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध होंगे।

अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों के लिए भी खास स्टॉल होंगे।

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