Rupee Symbol का हुआ बड़ा बदलाव! क्या ये तमिलनाडु की सांस्कृतिक पहचान है?
Rupee Symbol: नई दिल्ली, तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार ने राज्य के बजट में Rupee Symbol (₹) को हटा दिया है और उसकी जगह पर ‘ரூ’ सिंबल का इस्तेमाल किया है, जो तमिल लिपि का अक्षर ‘रु’ है। यह कदम भाषाई और सांस्कृतिक पहचान के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और इसके साथ ही इस पर विवाद भी शुरू हो गया है।
Rupee Symbol का परिवर्तन: तमिलनाडु सरकार का नया कदम
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इस फैसले के बाद, तमिलनाडु का बजट अब रुपये के चिन्ह (₹) के बजाय ‘ரூ’ के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। यह सिंबल तमिल लिपि में रुपये को दर्शाता है और स्थानीय संस्कृति और भाषा की अहमियत को सामने लाता है। हालांकि, यह कदम विवाद का कारण भी बन गया है, क्योंकि यह भारत में पहली बार है जब किसी राज्य ने रुपये के आधिकारिक सिंबल को बदलने का प्रयास किया है।
भाजपा नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
तमिलनाडु सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने कड़ी आपत्ति जताई है। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर तीखा हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि डीएमके सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक की अवहेलना की है और रुपये के चिन्ह को बदलकर पूरे देश की एकता और पहचान को नुकसान पहुँचाया है। अन्नामलाई ने यह भी कहा कि यह प्रतीक एक तमिल द्वारा डिज़ाइन किया गया था, और इसे पूरे भारत में अपनाया गया था।
भा.ज.पा. आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस निर्णय पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तमिलनाडु बजट दस्तावेज़ से रुपये के चिह्न को हटा कर तमिलों का अपमान कर रहे हैं, और यह कितना हास्यास्पद है।
‘ரூ’ का प्रतीक और उदय कुमार धर्मलिंगम का योगदान
रुपये के प्रतीक (₹) का डिज़ाइन प्रसिद्ध भारतीय डिज़ाइनर उदय कुमार धर्मलिंगम ने 2010 में किया था। उनका डिज़ाइन भारतीय तिरंगे पर आधारित था, जिसे पूरे देश में स्वीकार किया गया था। धर्मलिंगम का डिज़ाइन पांच शॉर्टलिस्टेड प्रतीकों में से चुना गया था और बाद में भारतीय मुद्रा का आधिकारिक प्रतीक बना।
उदय कुमार ने इस डिजाइन के माध्यम से भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीयता को प्रकट किया था, जो आज भी भारतीय मुद्रा का प्रतीक है। अब तमिलनाडु सरकार का यह कदम इस प्रतीक को नकारते हुए एक नया प्रतीक ‘ரூ’ पेश करता है।
मुख्यमंत्री स्टालिन का हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं पर बयान
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में आरोप लगाया था कि मोदी सरकार हिंदी को तमिलनाडु समेत अन्य राज्याओं पर थोपने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रचार-प्रसार के कारण क्षेत्रीय भाषाओं का अस्तित्व खतरे में है। उनका दावा है कि हिंदी के कारण कई भाषाएं धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं, और इस मुद्दे पर तमिलनाडु की सरकार लगातार आवाज़ उठा रही है।
स्टालिन ने हिंदी को थोपने के प्रयास को लेकर केंद्रीय सरकार की आलोचना की और कहा कि तमिलनाडु हमेशा से अपनी सांस्कृतिक पहचान और भाषा को प्राथमिकता देता आया है।
भाजपा की ओर से तमिलिसाई सुंदरराजन का बयान
भा.ज.पा. की वरिष्ठ नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी इस मामले में बयान दिया। उन्होंने एमके स्टालिन से कहा कि वह अपना नाम बदलकर एक तमिल नाम रखें। उनका आरोप था कि मुख्यमंत्री अपने राज्य की विफलताओं को छुपाने के लिए इस प्रकार के नाटक कर रहे हैं, जो सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए किए जा रहे हैं।