BCCI: नई दिल्ली, भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने नौ साल के लंबे अंतराल के बाद रणजी ट्रॉफी में खेलने का फैसला किया है। यह कदम टेस्ट क्रिकेट में उनके हालिया खराब प्रदर्शन को सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है। 37 वर्षीय रोहित को लाल गेंद क्रिकेट में बेहतर फॉर्म हासिल करने की जरूरत महसूस हुई, और BCCI के घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने के नियमों के तहत, उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया है।
घरेलू क्रिकेट में फॉर्म सुधारने की तैयारी
रोहित शर्मा ने पिछले कुछ टेस्ट मैचों में बल्ले से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। उनकी इस गिरावट ने चयनकर्ताओं और प्रशंसकों को चिंतित कर दिया था। घरेलू क्रिकेट में वापसी उनके लिए न केवल अपनी तकनीक को सुधारने का अवसर है, बल्कि यह युवाओं को प्रेरित करने का भी एक बेहतरीन कदम है।
मुंबई के लिए खेलेंगे रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि वे मुंबई की रणजी टीम के लिए खेलेंगे। उनकी टीम का अगला मुकाबला जम्मू और कश्मीर के खिलाफ 23 जनवरी से मुंबई में खेला जाएगा। इस मैच में रोहित शर्मा के नेतृत्व से न केवल मुंबई टीम को फायदा होगा, बल्कि यह घरेलू क्रिकेट में रोहित की प्रतिबद्धता को भी दर्शाएगा।
BCCI के नए नियमों का पालन
हाल ही में BCCI ने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने के नियमों को अनिवार्य किया है। इसका उद्देश्य घरेलू क्रिकेट को मजबूत करना और खिलाड़ियों की फॉर्म का मूल्यांकन करना है। रोहित शर्मा इस नियम का पालन करते हुए रणजी ट्रॉफी में अपनी जगह बनाएंगे। यह फैसला भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर उनकी गंभीरता को भी दर्शाता है।
प्रशंसकों की बढ़ी उम्मीदें
रोहित शर्मा की रणजी ट्रॉफी में वापसी ने प्रशंसकों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है। सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि क्या वे इस मंच का उपयोग करके टेस्ट क्रिकेट के लिए अपनी खोई हुई फॉर्म हासिल कर पाएंगे। मुंबई टीम के लिए उनका यह योगदान महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, और यह कदम भारतीय क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।