RBI Governor Repo Rate Cut: RBI का बंपर तोहफा! रेपो रेट कटौती से कौन होगा फायदे में?

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RBI Governor Repo Rate Cut: नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से लगभग पांच वर्षों में पहली बार अपनी प्रमुख रेपो दर में कटौती की है। यह निर्णय आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिया गया, जिसमें सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5% से घटाकर 6.25% करने का फैसला हुआ।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस महत्वपूर्ण घोषणा को अपने पहले मुख्य संबोधन में किया। उन्होंने बताया कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत और लचीली बनी हुई है।

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रेपो रेट कटौती का आम आदमी पर असर

रेपो दर में कमी का सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन पर पड़ता है। इसका मतलब यह है कि होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी। साथ ही, इससे बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे निवेश और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी। इससे कंपनियों को भी लाभ मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

वैश्विक आर्थिक हालात और आरबीआई की रणनीति

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम हो गई है, जिससे डॉलर मजबूत हुआ है और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि हुई है। भारत भी इन वैश्विक प्रभावों से अछूता नहीं है, लेकिन यहां की अर्थव्यवस्था तुलनात्मक रूप से स्थिर बनी हुई है।

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, आगामी वित्तीय वर्ष में GDP ग्रोथ के लिए Q1 में 6.7%, Q2 में 7%, Q3 में 6.5% और Q4 में 6.5% का अनुमान जताया गया है।

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महंगाई दर और बैंकिंग सेक्टर पर असर

मौजूदा तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.8% रहने की संभावना है, जबकि पिछली तिमाही में यह 4.4% थी। हालांकि, आरबीआई का मानना है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई में थोड़ी नरमी आ सकती है, जिससे आम जनता को राहत मिल सकती है।

बैंकों की तरलता स्थिति को लेकर आरबीआई ने कहा कि वे बाजार में पर्याप्त नकदी प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। इसके अलावा, आरबीआई बैंकों की परिसंपत्तियों और इक्विटी पर रिटर्न को भी मजबूत बनाए रखने की दिशा में काम कर रहा है।

डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर आरबीआई की चेतावनी

गवर्नर मल्होत्रा ने डिजिटल लेन-देन में बढ़ती धोखाधड़ी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने बैंकों और अन्य हितधारकों से साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की। आरबीआई ने बैंकों से सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत करने और ग्राहकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

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