New Moon Black Moon 31 दिसंबर को, क्या आपको इसे देखने का मौका मिलेगा? जानिए!

0

New Moon Black Moon: नई दिल्ली, 2024 का आखिरी दिन एक खास खगोलीय घटना के साथ समाप्त होने जा रहा है। 30-31 दिसंबर को एक दुर्लभ काला चंद्रमा देखने को मिलेगा, जो स्टारगेज़र्स के लिए एक अनोखा अनुभव साबित होगा। हालांकि, इस चंद्रमा को नंगी आंखों से देख पाना संभव नहीं होगा, लेकिन इस घटना के साथ कुछ और खास होगा। यह चंद्रमा अमावस्या के दूसरे चरण को चिह्नित करेगा, जो हर दो साल में एक बार होता है। चलिए जानते हैं इस काले चंद्रमा के बारे में और क्यों यह खगोलीय घटना इतनी खास है।

काला चंद्रमा क्या है?

Sponsored Ad

काले चंद्रमा का मतलब है, एक ही महीने में दो नए चंद्रमाओं का होना। चंद्रमा का यह चरण अमावस्या कहलाता है, जब चंद्रमा और सूर्य एक ही सीध में होते हैं, और चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित होता है। इस स्थिति में चंद्रमा अदृश्य हो जाता है, यानी वह हमारी आंखों से दिखाई नहीं देता। आमतौर पर, अमावस्या महीने के पहले या दूसरे दिन होती है, लेकिन जब महीने के पहले दिन अमावस्या होती है, तो महीने के अंत में एक और अमावस्या होती है, जिससे काला चंद्रमा बनता है।

ब्लू मून की तरह, जो एक महीने में दो पूर्ण चंद्रमाओं को दर्शाता है, काला चंद्रमा महीने के दूसरे अमावस्या के साथ जुड़ा होता है। इसे एक दुर्लभ घटना माना जाता है, क्योंकि यह हर दो साल में केवल एक बार होता है।

अमावस्या के दौरान छिपा विज्ञान

अमावस्या का यह चरण विशेष रूप से खगोलशास्त्रियों के लिए दिलचस्प होता है। इस समय चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है, जिससे चंद्रमा की रोशनी पूरी तरह से पृथ्वी से दूर हो जाती है। इस कारण आकाश बहुत गहरा और साफ़ दिखाई देता है। इससे खगोलविदों को आकाशगंगाओं, तारा समूहों और अन्य खगोलीय पिंडों का बेहतर अवलोकन करने का अवसर मिलता है।

अमावस्या की रात का आकाश इस समय के दौरान तारों और अन्य खगोलीय पिंडों को देखने के लिए आदर्श होता है। काले चंद्रमा के समय चांदनी की कमी से तारे और आकाशीय पिंड अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। यही कारण है कि यह समय स्टारगेज़िंग के शौकिनों के लिए खास होता है।

काले चंद्रमा की खासियत

gadget uncle desktop ad

हालांकि काला चंद्रमा अपनी चमक के बिना अदृश्य रहेगा, फिर भी यह खगोलशास्त्रियों और स्टारगेज़र्स के लिए एक विशेष अवसर है। इस दौरान चंद्रमा की रोशनी के बिना आकाश में तारे और उल्कापात अधिक स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप जैसे क्षेत्रों में, ठंडी सर्दी और साफ़ आसमान इस दृश्य को और भी शानदार बना सकते हैं।

काले चंद्रमा के दौरान आकाशीय दृश्यता में वृद्धि होती है, जिससे खगोलशास्त्रियों को ब्रह्मांड का गहराई से निरीक्षण करने का मौका मिलता है। इससे दूर के तारे, आकाशगंगाएँ और अन्य खगोलीय घटनाएँ अधिक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।

काले चंद्रमा का समय और स्थान

काला चंद्रमा 30 दिसंबर 2024 को शाम 5:27 बजे (ET) होगा। भारत में इसे 31 दिसंबर 2024 को सुबह 3:57 बजे देखा जा सकेगा। इस घटना का समय और स्थान अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होगा। उदाहरण के लिए, अमेरिका में यह घटना 30 दिसंबर को होगी, जबकि यूरोप, अफ्रीका और एशिया के लोग इसे 31 दिसंबर को देख पाएंगे।

इस घटना का अगला अवसर अगस्त 2025 में आएगा, इसलिए स्टारगेज़र्स को इस अद्भुत दृश्य का भरपूर आनंद उठाने का एक बेहतरीन मौका मिलेगा।

स्टारगेज़र्स के लिए क्यों खास है काला चंद्रमा?

हालांकि काला चंद्रमा अपनी चमक के बिना दिखाई नहीं देगा, लेकिन यह समय तारों को देखने के लिए सबसे बेहतरीन होता है। चंद्रमा की रोशनी की अनुपस्थिति में आकाश बहुत साफ़ दिखाई देता है, और सितारे और उल्कापात अधिक स्पष्ट होते हैं। स्टारगेज़र्स के लिए यह समय दूरबीन से आकाश का निरीक्षण करने के लिए आदर्श है।

Sponsored Ad

काले चंद्रमा के दौरान आप अपनी रात की खगोलशास्त्रीय यात्रा का भरपूर आनंद ले सकते हैं। चाहे आप एक अनुभवी खगोलशास्त्री हों या सिर्फ रात के आकाश का आनंद लेने वाला व्यक्ति, यह दुर्लभ घटना आपको ब्रह्मांड के चमत्कारों को नए रूप में देखने का एक मौका देती है।

Read More: Latest News

Leave A Reply

Your email address will not be published.