NASA Astronaut Sunita Williams ने फिर से किया कमाल, जानें उनकी अद्भुत उपलब्धियां!
नई दिल्ली, भारतीय मूल की NASA Astronaut Sunita Williams ने एक बार फिर से अंतरिक्ष में इतिहास रचते हुए अपनी आठवीं अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। इस बार उन्होंने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री निक हेग के साथ मिलकर आईएसएस (अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन) से बाहर कदम रखा। यह मिशन न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि एक दशक बाद अंतरिक्ष में उनकी वापसी को चिह्नित करता है।
साढ़े छह घंटे का सफल मिशन
Sponsored Ad
सुनीता विलियम्स और निक हेग ने यूएस स्पेसवॉक 91 का संचालन किया, जो लगभग साढ़े छह घंटे तक चला। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य आईएसएस के रखरखाव और उन्नयन से संबंधित कार्यों को पूरा करना था। इस दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने कई महत्वपूर्ण काम पूरे किए, जिनमें वैज्ञानिक उपकरणों की मरम्मत और नई तकनीकों का परीक्षण शामिल था।
न्यूट्रॉन स्टार एक्सप्लोरर पर किया काम
इस मिशन में सुनीता और निक ने न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर (NICER) दूरबीन पर काम किया। यह दूरबीन ब्रह्मांड के सबसे रहस्यमय और शक्तिशाली न्यूट्रॉन तारों का अध्ययन करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस काम से वैज्ञानिकों को ब्रह्मांडीय घटनाओं को समझने में मदद मिलेगी।
आईएसएस की स्थिरता के लिए जरूरी बदलाव
सुनीता और उनके साथी ने रेट जायरो असेंबली को बदलने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया। यह उपकरण आईएसएस की स्थिरता और उसकी दिशा बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय डॉकिंग एडाप्टर पर नेविगेशन को बेहतर बनाने के लिए रिफ्लेक्टर भी बदले। यह आने वाले अंतरिक्ष यानों के लिए नेविगेशन को आसान बनाएगा।
भविष्य के मिशनों की तैयारी
विलियम्स और हेग ने अल्फा मैग्नेटिक स्पेक्ट्रोमीटर के रखरखाव के लिए भी तैयारी की। यह उपकरण ब्रह्मांडीय किरणों और अन्य उच्च ऊर्जा कणों का अध्ययन करने के लिए उपयोगी है। इसके साथ ही उन्होंने आगामी मिशनों के लिए कई क्षेत्रों और उपकरणों की जांच की।
विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी में देरी
23 जनवरी को सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर एक और महत्वपूर्ण मिशन में हिस्सा लेंगे, जिसमें एंटीना असेंबली को हटाने और नमूने एकत्र करने का कार्य शामिल होगा। हालांकि, सुनीता की पृथ्वी पर वापसी फिलहाल स्थगित कर दी गई है। नासा ने सुरक्षा जांच का हवाला देते हुए स्पेसएक्स के क्रू-10 मिशन को मार्च 2025 तक स्थगित कर दिया है।
सुनीता विलियम्स का योगदान
सुनीता विलियम्स का नाम अंतरिक्ष इतिहास में बेहद खास है। भारतीय मूल की यह अंतरिक्ष यात्री कई महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा रही हैं। उनकी यह नई उपलब्धि न केवल विज्ञान के क्षेत्र में मील का पत्थर है, बल्कि यह भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व की बात भी है।