Narayana Murthy और सुधा मूर्ति की बायोपिक पर चार साल की देरी, क्या है असली कारण?

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नई दिल्ली, अश्विनी अय्यर तिवारी, भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख और प्रतिभाशाली महिला निर्देशक, जिन्होंने “बरेली की बर्फी”, “निल बटे सन्नाटा”, और “पंगा” जैसी बेहतरीन फिल्मों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है, इन दिनों अपने अगले प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में, उन्होंने अपनी आगामी फिल्म के बारे में एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया, जिसमें उनकी बायोपिक पर हो रही देरी की वजह का खुलासा किया। आइए जानते हैं कि आखिर इस देरी के पीछे क्या कारण है और अश्विनी इस समय किस दिशा में काम कर रही हैं।

Narayana Murthy और सुधा मूर्ति की बायोपिक में देरी का खुलासा

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2021 में, अश्विनी अय्यर तिवारी ने सुधा मूर्ति और Narayana Murthy पर आधारित एक बायोपिक की घोषणा की थी। यह बायोपिक उनकी जीवन कहानी पर आधारित होगी, जो भारतीय समाज और सिनेमा में बहुत ही प्रेरणादायक मानी जाती है। हालांकि, इस फिल्म की रिलीज़ में अब तक चार साल की देरी हो चुकी है। अश्विनी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस देरी के कारणों पर बात की।

अश्विनी ने बताया कि फिल्म का लेखन अभी भी जारी है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस पर काफी समय लग रहा है, लेकिन वह इस कहानी को फिल्म के रूप में बताना चाहती हैं। वह इसे एक बेहतरीन और सशक्त तरीके से प्रस्तुत करना चाहती हैं, इसलिए लेखन प्रक्रिया में समय लग रहा है। अश्विनी ने कहा, “हम अभी भी इसे लिख रहे हैं, लेकिन मुझे इस कहानी को बताने का बहुत मन है।”

नए प्रोजेक्ट्स पर ध्यान और प्रोडक्शन वेंचर्स

अश्विनी अय्यर तिवारी ने बायोपिक के अलावा अपने अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी काम करना शुरू कर दिया है। वह इस समय प्रोडक्शन वेंचर्स पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं और जल्द ही कुछ नई फिल्मों का निर्देशन करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने एक दिलचस्प खुलासा किया कि उनका एक करार टिप्स के साथ हुआ है, जो एक बड़ी फिल्म कंपनी है। उन्होंने बताया, “यह साझेदारी मेरे लिए आश्चर्यजनक थी, क्योंकि ऐसी साझेदारी आमतौर पर दो पुरुषों के बीच होती है, लेकिन यह बदलाव की शुरुआत है।”

अश्विनी ने कहा कि वह इस साझेदारी को महिलाओं द्वारा और महिलाओं के लिए अधिक कहानियां सुनाने का एक अवसर मानती हैं। उनके लिए व्यावसायिक सफलता से ज्यादा अहम यह है कि वे बेहतरीन और प्रभावशाली कहानियां दर्शकों तक पहुंचा सकें।

कहानी कहने का उद्देश्य

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अश्विनी का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य किसी फिल्म को केवल व्यावसायिक रूप से सफल बनाना नहीं है, बल्कि उन कहानियों को सामने लाना है जो दर्शकों को प्रभावित करें और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का काम करें। उनका मानना है कि हमें निडर होकर ऐसे विषयों पर काम करना चाहिए जो समाज को आईना दिखाएं और साथ ही दर्शकों को भी एक नया दृष्टिकोण प्रदान करें।

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