नई दिल्ली, केरल, जो पहले अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध था, अब क्रिकेट की दुनिया में एक नई पहचान बना रहा है। राज्य के विभिन्न शहरों और कस्बों से क्रिकेट के नये सितारे सामने आ रहे हैं। रणजी ट्रॉफी फाइनल के दौरान, केरल के खिलाड़ी अहमदाबाद में गुजरात से भिड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। केरल का क्रिकेट परिदृश्य अब पहले से कहीं अधिक मजबूत और विविधतापूर्ण हो गया है।
कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक क्रिकेट का उत्साह
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केरल के उत्तरी छोर से लेकर दक्षिणी छोर तक, क्रिकेट का उत्साह देखने को मिलता है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में क्रिकेट क्लब और टूनामेंट्स की बढ़ती संख्या से यह साबित हो रहा है कि केरल में क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है। उदाहरण के लिए, कासरगोड, जहां Mohammed Azharuddeen जैसे खिलाड़ी ने राज्य का नाम रोशन किया, वहां के लोग अब क्रिकेट के प्रति अपनी दीवानगी को और अधिक महसूस कर रहे हैं।
छोटे शहरों से बड़े खिलाड़ी
केरल के छोटे शहरों से भी अब क्रिकेट के बड़े नाम उभर रहे हैं। एर्नाकुलम जिले के कांजीरामट्टम में एमडी निधिश और कोच्चि में सलमान निजार जैसे खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत और टैलेंट से खुद को साबित किया है। इन खिलाड़ियों के बारे में जानकर यह समझ आता है कि क्रिकेट के प्रति लगाव केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर छोटे से छोटे शहर में भी क्रिकेट की महक पहुंच चुकी है।
केरल के क्लब और कोचिंग शिविर
केरल में क्रिकेट का विकास केवल खेल के प्रति उत्साह से नहीं, बल्कि सही दिशा में प्रशिक्षण और कोचिंग से भी हुआ है। यहां के क्रिकेट क्लबों और ग्रीष्मकालीन शिविरों ने कई युवा खिलाड़ियों को एक अच्छा मंच दिया है। थलंगारा और पेरुंबवूर जैसे छोटे शहरों में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट और प्रशिक्षण शिविरों ने क्रिकेट के नए सितारों को जन्म दिया है।
दूसरे अवसरों का मिलना
केरल के क्रिकेट परिदृश्य का एक और पहलू यह है कि यहां के खिलाड़ियों को अपने हुनर को दिखाने के लिए कई अवसर मिलते हैं। केरल क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) द्वारा आयोजित टूर्नामेंट और शिविर इस बात का गवाह हैं कि राज्य में क्रिकेट के प्रति जो प्रेम और जुनून है, वह निरंतर बढ़ रहा है। केसीए के टूर्नामेंट्स ने कई युवा खिलाड़ियों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर दिया है।
मूल्यांकन और चयन प्रक्रिया
केरल के क्रिकेट में अब एक व्यवस्थित चयन प्रक्रिया है, जिसके तहत खिलाड़ियों को उभरने का पूरा मौका मिलता है। पूर्व क्रिकेटर और कोच पी बालाचंद्रन के अनुसार, केरल में चयन प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक संगठित और कुशल है। यहां के खिलाड़ियों को एक मजबूत कोर ग्रुप में शामिल किया जाता है, जिससे उन्हें लगातार मार्गदर्शन मिलता है और उनकी मेहनत को पहचान मिलती है।
नये सितारे और उनका सामूहिक गौरव
केरल के क्रिकेट में सामूहिक गौरव की भावना अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुकी है। रणजी ट्रॉफी के लिये चुने गए खिलाड़ी, जो विभिन्न पृष्ठभूमियों से आते हैं, एकजुट होकर एक लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अज़हर, सलमान, निधिश, सचिन जैसे खिलाड़ी एक-दूसरे के साथ मिलकर क्रिकेट में सफलता की नयी ऊंचाइयों को छूने की दिशा में काम कर रहे हैं।