नई दिल्ली, एडिलेड ओवल में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच का दूसरा दिन खासा दिलचस्प रहा। इस दिन भारतीय तेज गेंदबाज Mohammad Siraj को ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की हूटिंग का सामना करना पड़ा। लेकिन सिराज ने अपने खेल से साबित कर दिया कि वह दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।
दर्शकों की हूटिंग के पीछे की वजह
पहले दिन सिराज ने मार्नस लाबुशेन पर गेंद फेंकी थी और ट्रैविस हेड को जोरदार तरीके से आउट किया था। हालांकि, स्टैंड में बैठे ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसकों को सिराज की आक्रामकता और उनकी गेंदबाजी की शैली पसंद नहीं आई। जब दूसरे दिन उनकी गेंदबाजी की लाइन और लेंथ लड़खड़ाई, तो दर्शकों ने हूटिंग करना शुरू कर दिया।
साथी खिलाड़ियों ने दिया सिराज को सहारा
जब सिराज पर दर्शकों का दबाव बढ़ा, तो शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे साथी खिलाड़ियों ने उनके पास जाकर उनका मनोबल बढ़ाया। टीम का यह साथ सिराज को मैदान में अपनी जगह बनाने में मददगार साबित हुआ।
ट्रैविस हेड का शानदार शतक
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज ट्रैविस हेड ने एडिलेड ओवल में अपने घरेलू मैदान पर शानदार 140 रनों की पारी खेली। यह उनके करियर का आठवां टेस्ट शतक था। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 87.3 ओवर में 337 रन बनाए और भारत पर 157 रनों की बढ़त हासिल कर ली।
भारत के गेंदबाजों का प्रदर्शन
भारतीय गेंदबाजी की बात करें तो सिराज और जसप्रीत बुमराह ने चार-चार विकेट झटके। वहीं, रविचंद्रन अश्विन और नितीश कुमार रेड्डी ने एक-एक विकेट लिया। हालांकि, हर्षित राणा struggled करते दिखे और उन्होंने 86 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया।
सिराज की शानदार वापसी
Mohammad Siraj ने दूसरे सत्र में वापसी करते हुए पहले मिशेल स्टार्क को मिड-ऑफ पर कैच कराया और फिर स्कॉट बोलैंड को आउट कर ऑस्ट्रेलिया की पारी समाप्त की। सिराज ने शानदार इन-स्विंग यॉर्कर पर ट्रैविस हेड को बोल्ड किया, जिससे उनकी हौसला अफजाई हुई।
भारत की चुनौतीपूर्ण स्थिति
भारतीय टीम की बल्लेबाजी का पहला प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, जिसमें पूरी टीम सिर्फ 180 रनों पर सिमट गई थी। ऑस्ट्रेलिया की बढ़त के बाद, भारत के बल्लेबाजों के लिए यह मैच बचाने की चुनौती और बड़ी हो गई है।
आगे की रणनीति और उम्मीदें
भारतीय टीम को अपनी बल्लेबाजी में मजबूती लानी होगी और साथ ही गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों पर दबाव बनाना होगा। हालांकि, इस मैच में सिराज और बुमराह की मेहनत ने भारतीय टीम को थोड़ी राहत जरूर दी है।