एक साल में ₹1 करोड़ की नौकरी छोड़कर उद्यमिता में कदम, जानिए Shakti Mani Tripathi की दिलचस्प यात्रा!
नई दिल्ली, अमेज़न के पूर्व कर्मचारी Shakti Mani Tripathi ने अपनी उच्च वेतन वाली नौकरी को छोड़कर एक अलग दिशा में कदम रखा। उन्होंने 2024 में अपनी ₹1 करोड़ सालाना सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी, ताकि वह अपने उद्यमिता के सपने को पूरा कर सकें। त्रिपाठी का मानना था कि उन्हें कुछ नया करने का मौका मिलना चाहिए, और यही सोच उन्हें एक स्टार्टअप की ओर ले गई।
हुबाहू एआई: शुरुआत में विफलता
Shakti Mani Tripathi ने अपने उद्यमिता के सफर की शुरुआत 2024 में अपनी पहली कंपनी, हुबाहू एआई के साथ की थी। हालांकि, इस स्टार्टअप को शुरू करने के बाद उन्हें कई मुश्किलें आईं। सबसे पहली चुनौती थी, वाई कॉम्बिनेटर से अस्वीकृति और 30 से अधिक निवेशकों से असफल पिचें। इन असफलताओं ने उनके आत्मविश्वास को झकझोर दिया, और कंपनी को बहुत जल्द बंद करना पड़ा, क्योंकि वह अपने लक्षित ग्राहकों को आकर्षित करने में नाकाम रहे थे।
नवीन विचार और नए प्रयास
हुबाहू एआई की विफलता के बाद, Shakti Mani Tripathi ने हार मानने की बजाय नए विचारों के साथ काम करना जारी रखा। उन्होंने अपने सह-संस्थापक कुणाल रंजन के साथ मिलकर एक B2B SaaS उत्पाद पर काम किया, जिसका उद्देश्य सॉफ़्टवेयर इंजीनियरों की उत्पादकता को मापना था। हालांकि, उन्होंने जल्दी ही महसूस किया कि यह विचार भी बाजार में सफल नहीं हो सकता, क्योंकि यह क्षेत्र पहले से ही संतृप्त था।
कोडरमोन एआई और आपूर्ति श्रृंखला में नई कोशिश
इसके बाद Shakti Mani Tripathi और उनके सह-संस्थापक ने कोडरमोन एआई नामक एक नया एआई उपकरण बनाने की कोशिश की, जो डेवलपर्स की मदद कर सके। लेकिन फिर से उन्हें बाजार में पहले से उपलब्ध कई समान टूल्स की वजह से इसे फिर से रद्द करना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र में अवसरों की तलाश शुरू की, और यहां पर एआई आधारित एजेंट बनाने की योजना बनाई। लेकिन जल्दी ही उन्होंने महसूस किया कि इस क्षेत्र में उनके पास पर्याप्त अनुभव नहीं है।
रिफ्लेक्स एआई: सफलता की ओर एक कदम
अंत में, Shakti Mani Tripathi और उनकी टीम ने रिफ्लेक्स एआई नामक प्लेटफॉर्म बनाया, जिसका उद्देश्य व्यवसायों के वर्कफ़्लो को स्वचालित करना था। उन्होंने केवल सात दिनों में न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (MVP) तैयार किया और इसके लिए 50 से अधिक संभावित ग्राहकों और उद्योग विशेषज्ञों से फीडबैक लिया। इसके परिणामस्वरूप, तीन कंपनियों से आशय पत्र (LOI) प्राप्त हुए, जो इस दिशा में उनकी सफलता का संकेत थे।
वाई कॉम्बिनेटर से अस्वीकृति और आगे का रास्ता
हालांकि, Shakti Mani Tripathi का रास्ता पूरी तरह से आसान नहीं था। उन्होंने वाई कॉम्बिनेटर में आवेदन किया, और शीर्ष 10% में जगह बनाई, लेकिन फिर भी उन्हें अस्वीकृत कर दिया गया। इसके बावजूद, उनकी हिम्मत बनी रही, और उन्होंने एक नई दिशा में कदम रखा, जो उन्हें 2025 में अपने उद्यमिता के सपने को साकार करने में मदद कर सकता है।
Shakti Mani Tripathi का अनुभव
Shakti Mani Tripathi की यात्रा न केवल चुनौतियों से भरी रही, बल्कि उन्होंने इसे एक अवसर के रूप में लिया। उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस पूरे सफर में जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह है फोकस और निरंतर प्रयास। त्रिपाठी का यह अनुभव न केवल उनके लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो किसी भी नए स्टार्टअप या व्यवसाय को शुरू करने का सोच रहा है।