Federal Reserve Interest Rates: फेडरल रिजर्व के निर्णय से क्या अमेरिकी वित्तीय संकट का हल होगा?
Federal Reserve Interest Rates: नई दिल्ली, अमेरिका के केंद्रीय बैंक, यू.एस. फेडरल रिजर्व (Fed) की एक महत्वपूर्ण बैठक की तैयारी हो रही है, जहां बेंचमार्क ब्याज दर में एक चौथाई अंक की कटौती की घोषणा की जा सकती है। यह बैठक इस साल की आखिरी नीति बैठक होगी, और इसमें 2025 तथा 2026 में दरों में और कितनी कटौती हो सकती है, इस पर भी चर्चा हो सकती है। इस निर्णय से न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भी इसका गहरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
फेडरल रिजर्व दरों में कटौती का कारण
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पिछले कुछ महीनों में, फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया है कि अगले साल ब्याज दरों में कटौती की गति धीमी हो सकती है। इसका मतलब यह हो सकता है कि अमेरिकियों को बंधक, ऑटो ऋण और क्रेडिट कार्ड जैसे ऋणों पर उच्च ब्याज दरों से केवल थोड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल, फेडरल रिजर्व ने पिछले कुछ समय से ब्याज दरों को बढ़ाकर मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की कोशिश की थी, जो 2022 में चार दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई थी।
फेड ने इन उच्च दरों को मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए एक जरूरी कदम के रूप में प्रस्तुत किया। हालांकि, हाल ही में मुद्रास्फीति कम हुई है और अब 2.3 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है, जो जून 2022 में 7.2 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से बहुत कम है। इसके बावजूद, फेड के नीति निर्माता मानते हैं कि दरों को अब इतनी ऊंची रखने की जरूरत नहीं है।
ब्याज दरों में कटौती के प्रभाव
फेडरल रिजर्व की नीति में बदलाव का सबसे बड़ा असर आम नागरिकों पर होगा, क्योंकि इससे बंधक, ऑटो ऋण और क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों में कमी आ सकती है। इसका मतलब यह है कि अमेरिकियों को ऋण चुकाने में थोड़ी राहत मिल सकती है, और इसके परिणामस्वरूप वे अधिक खर्च कर सकते हैं, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
फेड की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वर्ष सितंबर में फेड ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती की थी और उसे लगभग 4.8 प्रतिशत तक लाया, जो कि दो दशकों का सबसे कम स्तर था। इसके बाद, नवंबर और दिसंबर 2024 में फेड द्वारा अपनी दरों में और कटौती की संभावना जताई जा रही है।
आर्थिक विकास पर असर
फेड द्वारा दरों में की जा रही यह कटौती आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इससे अमेरिका में खर्च बढ़ने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं की खरीदारी में वृद्धि हो सकती है और इसके साथ ही उत्पादन क्षेत्र को भी लाभ हो सकता है।
इस दर कटौती से न केवल अमेरिकी नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि यह वैश्विक बाजारों को भी प्रभावित करेगा। खासकर उधारी की लागत में कमी आने से अमेरिकी डॉलर की स्थिति पर भी असर पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक वित्तीय बाजार में स्थिरता और बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों को देखने को मिल सकता है।