Budget 2025 Date: क्या इस बार के बजट से मिलेगा आम आदमी को राहत? पढ़िए पूरी जानकारी!
Budget 2025 Date: नई दिल्ली, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह उनके द्वारा पेश किया गया आठवां लगातार बजट होगा, और इसके साथ ही सीतारमण ने भारतीय राजनीति में एक अहम मील का पत्थर भी स्थापित किया है। इस लेख में हम जानेंगे कि वित्त मंत्री का आठवां बजट क्या खास होने वाला है और इस बार की बजट प्रक्रिया में कौन-कौन सी महत्वपूर्ण बाते सामने आ सकती हैं।
वित्त मंत्री का आठवां लगातार बजट
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निर्मला सीतारमण 2019 से वित्त मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं और 2025 के बजट के साथ उनका यह आठवां बजट होगा। 2019 के बाद से हर वर्ष वह बजट पेश करती आ रही हैं। पिछला बजट 2024-25 एक वोट-ऑन-अकाउंट था, जिसका उद्देश्य सरकार की अंतरिम योजनाओं को सुनिश्चित करना था।
बजट पेश करने की परंपरा और समय
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने की परंपरा भारतीय राजनीति में बहुत अहम है। सीतारमण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे अपने बजट भाषण की शुरुआत करेंगी, जो भारतीय बजट की पारंपरिक समय-सारणी का हिस्सा है।
वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, तो अरुण जेटली ने पांच साल तक वित्त मंत्री के रूप में लगातार बजट पेश किए। 2017 में जेटली ने बजट पेश करने का समय बदलकर फरवरी के आखिरी दिन से 1 फरवरी किया था।
बजट को लेकर हुए महत्वपूर्ण बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 में एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। पारंपरिक बजट ब्रीफकेस को छोड़कर उन्होंने ‘बही-खाता’ का इस्तेमाल किया था, जो राष्ट्रीय प्रतीक के साथ था। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार बदलाव की ओर बढ़ रही है और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
पिछले बजटों में क्या हुआ था खास?
निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में कई बड़े बदलाव किए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले कोविड-19 महामारी के दौर में उन्होंने 2020 का बजट पेश किया था, जिसमें राहत पैकेजों की घोषणा की गई थी। इसके बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से संजीवनी देने के लिए सरकार ने कई राहत उपायों की घोषणा की।
केंद्रीय बजट में उम्मीदें और अनिश्चितताएँ
आगामी बजट में सरकार से कई उम्मीदें हैं, खासकर अर्थव्यवस्था के विकास के लिए। उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देंगी। इसके अलावा, सरकार से किसानों, छोटे व्यवसायों और मिडल क्लास के लिए राहत पैकेज की उम्मीदें भी हैं।
भारत में बजट पेश करने की ऐतिहासिक परंपरा
भारत में केंद्रीय बजट पेश करने की परंपरा बहुत पुरानी है। वित्त मंत्री ने इसे हमेशा एक महत्त्वपूर्ण अवसर माना है, जो न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक प्रभावी होता है।
इससे पहले, 1959-64 के दौरान मोरारजी देसाई ने लगातार पांच बजट पेश किए थे। इसके अलावा, भारतीय राजनीति में यशवंत सिन्हा, पी चिदंबरम और अरुण जेटली जैसे प्रमुख वित्त मंत्रियों ने भी भारतीय बजट की इतिहास को नया आकार दिया है।
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