Lilavati Hospital में पाया गया काला जादू, क्या यह सच है?

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नई दिल्ली, मुंबई का प्रतिष्ठित Lilavati Hospital इन दिनों सुर्खियों में है, और इसका कारण एक हैरान करने वाला खुलासा है। अस्पताल के ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने दावा किया है कि पूर्व ट्रस्टियों ने अस्पताल परिसर में काला जादू किया था। इस बारे में और भी चौंकाने वाले विवरण सामने आए हैं, जब परमबीर सिंह, लीलावती अस्पताल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक, ने इस पूरे मामले को उजागर किया।

काले जादू के आरोप और फर्श के नीचे मिले अवशेष

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परमबीर सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि Lilavati Hospital के एक खास कमरे के फर्श के नीचे काले जादू से जुड़ी सामग्री मिली है। जब फर्श को खोदा गया, तो वहां आठ कलश मिले, जिनमें मानव अवशेष, बाल, हड्डियां और चावल जैसी वस्तुएं थीं। इन सबका इस्तेमाल काले जादू की प्रथाओं में किया जाता है। यह घटना अस्पताल के भीतर एक अंधेरे रहस्य को सामने लाती है, जो अब जांच के दायरे में है।

फर्श के नीचे मिले 8 कलश: क्या यह सच है?

रिपोर्ट के अनुसार, फर्श को पूरी सावधानी के साथ खोदा गया और वीडियोग्राफी की गई ताकि इसे कानूनी तौर पर सही तरीके से रिकॉर्ड किया जा सके। गवाहों की मौजूदगी में इस जांच की प्रक्रिया की गई। इन कलशों में कुछ में मानव बाल, हड्डियां, और खोपड़ी जैसी वस्तुएं पाई गईं, जिनका उपयोग काले जादू के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इस पूरी घटना के बाद ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि पूर्व ट्रस्टियों और अन्य व्यक्तियों ने अस्पताल के 1,500 करोड़ रुपये के फंड का दुरुपयोग किया।

काले जादू और बुरी प्रथाओं के खिलाफ कार्रवाई

इस मामले के बाद, परमबीर सिंह ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई, और इसके बाद महाराष्ट्र सरकार के कानून के तहत काले जादू और बुरी प्रथाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह मामला अब पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। इससे यह साफ हो गया है कि यह केवल एक साधारण मामला नहीं, बल्कि एक गंभीर आपराधिक मामला हो सकता है।

Lilavati Hospital का इतिहास और महत्व

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Lilavati Hospital की स्थापना 1997 में की गई थी और यह लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट द्वारा संचालित है। यह अस्पताल विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए जाना जाता है। अस्पताल का नाम प्रसिद्ध हीरा व्यापारी कीर्तिलाल मेहता की मां लीलावती मेहता के नाम पर रखा गया था। कीर्तिलाल मेहता ने गेम्बेल डायमंड्स की स्थापना की थी और उनका परिवार आज भी इस अस्पताल के संचालन में सक्रिय रूप से शामिल है। यह अस्पताल भारत में अग्रणी स्वास्थ्य संस्थानों में से एक माना जाता है।

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