Kalyan Jewellers Shares में बड़ी गिरावट! क्या है इसके पीछे की असली वजह?
नई दिल्ली, Kalyan Jewellers Shares में हाल ही में भारी गिरावट देखी गई है। इस गिरावट की वजह सोशल मीडिया पर चल रही कुछ अफवाहें और आरोपों से जुड़ी हुई है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मोतीलाल ओसवाल एएमसी (Asset Management Company) के फंड मैनेजर पर आरोप हैं कि उन्होंने कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों से संबंधित गलत कामों में शामिल होने के बाद इन शेयरों में निवेश करने के लिए रिश्वत ली थी। हालांकि, इन आरोपों का खंडन दोनों ही पक्षों ने किया है, लेकिन इन खबरों के बीच कंपनी के शेयरों में जो गिरावट आई है, वह चिंता का कारण बन गई है।
कल्याण ज्वैलर्स और मोतीलाल ओसवाल एएमसी का खंडन
कल्याण ज्वैलर्स और मोतीलाल ओसवाल एएमसी दोनों ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है। इन दोनों संस्थाओं ने कहा कि ऐसे आरोप गलत हैं और इस तरह की अफवाहें शेयर बाजार को प्रभावित करने के उद्देश्य से फैलाई जा रही हैं। हालांकि, इन अफवाहों के कारण निवेशकों के बीच घबराहट देखने को मिली और इसका असर कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों की कीमतों पर पड़ा।
2025 के बजट की उम्मीदें
कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों में गिरावट का एक अन्य कारण आगामी 2025 के बजट सत्र को भी माना जा रहा है। अनुमान है कि इस बजट में सोने पर सीमा शुल्क में वृद्धि हो सकती है, जो ज्वैलरी इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकती है। यदि सोने पर सीमा शुल्क बढ़ता है, तो इसका सीधा असर ज्वैलरी निर्माता कंपनियों, जैसे कि कल्याण ज्वैलर्स, पर पड़ेगा, और इसके परिणामस्वरूप उनके मुनाफे में गिरावट हो सकती है।
प्रमोटरों का शेयर गिरवी रखना
इसके अलावा, बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, कल्याण ज्वैलर्स के प्रमोटरों—सीताराम त्रिकुर कल्याणरमन और रमेश त्रिकुर कल्याणरमन—ने अपनी कंपनी की होल्डिंग्स में क्रमशः 1.85% और 1.65% की वृद्धि की है। वे कई वित्तीय संस्थाओं के साथ अपनी होल्डिंग्स को गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रकार का कदम सामान्यत: कंपनियों के लिए ऋण सुरक्षित करने के उद्देश्य से उठाया जाता है, लेकिन इससे निवेशकों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या कंपनी को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
निवेशकों की चिंता
इन घटनाक्रमों के बाद, निवेशक अब कल्याण ज्वैलर्स के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों का खंडन किया है और अपने शेयरों के गिरने को बाजार की सामान्य हलचल माना है, फिर भी निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल है। कुछ विश्लेषक मानते हैं कि कंपनी की स्थिति को लेकर अफवाहों के बावजूद इसका दीर्घकालिक असर अधिक नहीं होगा, जबकि कुछ अन्य इसे एक गंभीर संकेत मानते हैं।