नई दिल्ली, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच दुबई में होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अपने प्लेइंग इलेवन में दो बड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य स्पिन आक्रमण को और ज्यादा मजबूत करना है। इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया ने साबित कर दिया कि वे दुबई की पिच पर भारतीय बल्लेबाजों को कड़ी चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कोनोली और सांघा को मौका, शॉर्ट और जॉनसन की जगह
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ऑस्ट्रेलिया ने अपने प्लेइंग इलेवन में कूपर कोनोली और तनवीर सांघा को शामिल किया है। कूपर कोनोली को मैथ्यू शॉर्ट की जगह प्लेइंग इलेवन में जगह मिली है। शॉर्ट अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बाद चोटिल हो गए थे और अब वे टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं। दूसरी ओर, तनवीर सांघा को तेज गेंदबाज स्पेंसर जॉनसन की जगह लिया गया है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि ऑस्ट्रेलिया स्पिन विभाग को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
दुबई में स्पिन का असर
दुबई की पिच पर स्पिन गेंदबाजों के लिए हमेशा से अच्छा खासा मदद मिलती है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने इस पिच के अनुकूल अपनी टीम में बदलाव किए हैं। टीम के पास अब एक मजबूत तीन सदस्यीय स्पिन इकाई है जिसमें Adam Zampa, तनवीर सांघा और ग्लेन मैक्सवेल शामिल हैं। Adam Zampa पहले से ही ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख स्पिन गेंदबाज हैं, और अब दो नए स्पिनरों के साथ ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी आक्रमण और भी विविधतापूर्ण हो गई है।
टॉस जीतकर स्टीव स्मिथ का निर्णय
चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दुबई की पिच पर शुरुआत में बल्लेबाजी करना अक्सर ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। इसके अलावा, पहले बल्लेबाजी करने से ऑस्ट्रेलिया को यह मौका मिलेगा कि वे एक मजबूत स्कोर खड़ा कर भारतीय टीम पर दबाव बना सकें।
भारत का भी स्पिनरों पर भरोसा
ऑस्ट्रेलिया के स्पिन आक्रमण के साथ मुकाबला करने के लिए भारत ने भी अपनी टीम में कई स्पिनरों को शामिल किया है। भारत के पास कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, रवींद्र जड़ेजा और वरुण चक्रवर्ती जैसे अनुभवी स्पिन गेंदबाज हैं। पिछली बार जब भारत दुबई में खेला था, तब वरुण चक्रवर्ती ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार पांच विकेट लेकर अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में भारत के लिए भी स्पिन विभाग अहम साबित हो सकता है।
सेमीफाइनल में स्पिनरों की अहम भूमिका
चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में स्पिनरों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। दुबई की पिच पर जहां गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिलती है, वहीं भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई दोनों टीमों के पास स्पिन गेंदबाजों का अच्छा खासा विकल्प है। ऐसे में यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम अपने स्पिनरों का सबसे अच्छा उपयोग कर पाती है और कौन सी टीम सेमीफाइनल में जीत हासिल करती है।